
अभिनेत्री-फिल्मकार नंदिता दास द्वारा निर्देशित और नवाजुद्दीन सिद्दीकी की मुख्य भूमिका से सजी 'मंटो' का ट्रेलर स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर रिलीज किया गया. एचपी स्टूडियोज, फिल्मस्टॉक और वायकॉम18 मोशन पिक्चर्स द्वारा सह-निर्मित 'मंटो' लेखक सआदत हसन मंटो के इर्द-गिर्द घूमती है. नवाजुद्दीन इस किरदार को जीवित करते दिखाई देंगे.
आखिर मंटो 'पागल' क्यों हो गए थे?
ट्रेलर में मंटो का रोल निभा रहे नवाज के संवाद बेहद असरकारी और अपने समय के सच को बयां करने वाले दिख रहे हैं. मंटो एक जगह कहते हैं कि जब हम गुलाम थे, तो आजादी का ख्वाब देखते थे, अब आजाद हो गए तो कौन सा ख्वाब देखें. एक जगह मंटोे कहते हैं, कुछ औरतें खुद को बेच तो नहीं रहीं, लेकिन लोग उन्हें बेचते जा रहे हैं.
मंटो अपने समय के सर्वाधिक विवादित लेखक थे. उनकी कहानियों के खिलाफ मकदमे तक दायर किए गए.
मंटो में ऋषि कपूर, जावेद अख्तर भी नजर आए हैं. इसके अलावा आजादी के पहले और बाद दोनों दौरों को दिखाया गया है. ये अपने आप में बेहद प्रभावकारी पीरियड फिल्म नजर आती है.
मंटो ने समाज को अलग तरह से देखा, कहे जाते थे अफसानों के उस्ताद
फिल्म की निर्देशिका नंदिता दास ने अभिव्यक्ति की आजादी से जुड़े सवाल पर आईएएनएस से कहा "मैं आशावादी हूं. इसलिए, मेरा मानना है कि लेखक और कलाकार अपने काम के माध्यम से अपना सच्चाई व्यक्त करना जारी रखेंगे. हम, पाठकों और दर्शकों के रूप में, एक मजबूत और परिपक्व समाज के लिए, अपने लोगों के लिए ऐसे लोगों का समर्थन करने की आवश्यकता है."