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धार्मिक फिल्मों की देवी जो सदी के महानायक की मां के तौर पर हुईं अमर

जहां 50 के दशक में फैंस के लिए निरूपा देवी थीं वही 70-80 के दशक में निरूपा रॉय ने कई फिल्मों में मां के किरदार निभाए. उन्होंने अमिताभ बच्चन से लेकर शशि कपूर, जितेंद्र जैसे अभिनेताओं की मां का रोल निभाया. 

शशि कपूर, अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म दीवार में निरुपा रॉय शशि कपूर, अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म दीवार में निरुपा रॉय
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 8:07 AM IST

50 के दशक में धार्मिक फिल्मों और 70 के दशक में इमोशनल मां के कैरेक्टर्स से लोकप्रियता हासिल करने वालीं एक्ट्रेस निरूपा रॉय का जन्म 4 जनवरी 1931 को हुआ था. निरूपा रॉय का जन्म गुजरात में हुआ था. उनका असली नाम कोकिला किशोरचंद्र बुलसारा है. फिल्म इंडस्ट्री में आने के बाद निरूपा राय ने अपना नाम बदल लिया था. उनकी महज 15 साल की उम्र में कमल राय से शादी हो गई थी. शादी के बाद निरूपा रॉय मुंबई पहुंचीं.

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1946 में उनके पति ने एक गुजराती अखबार में ऐड देखा था. एक फिल्म के लिए किरदार की तलाश थी. उन्होंने निरुपा का प्रोफाइल भेजा और चुन ली गईं. 'रनकदेवी' से उन्होंने फिल्मों में आगाज किया. इसी साल उनकी पहली हिंदी फिल्म के लिए डायरेक्टर होमी वाडिया ने उनको कास्ट किया. फिल्म का नाम अमर राज था. उनके साथ हीरो थे त्रिलोक कपूर. उन्होंने 50-60 के दशक में 16 फिल्मों में देवी का किरदार निभाया था. उन्होंने अभिनेता त्रिलोक कपूर के साथ दर्जनों धार्मिक फिल्में कीं. देवी के किरदारों में निरूपा रॉय ने ऐसी छाप छोड़ी कि लोग उन्हें सचमुच में देवी मानने लगे थे और लोग उनके घर जाकर उनके पैर छूते थे और भजन गाते थे.

अमिताभ की मां का किरदार निभाकर भी हासिल की लोकप्रियता

जहां 50 के दशक में फैंस के लिए निरूपा 'देवी' थीं वही 70-80 के दशक में निरूपा रॉय ने कई फिल्मों में मां के किरदार निभाए. उन्होंने अमिताभ बच्चन से लेकर शशि कपूर, जितेंद्र जैसे अभिनेताओं की मां का रोल निभाया. अमिताभ बच्चन और शशि कपूर के साथ उनकी फिल्म ‘दीवार’ काफी मशहूर हुई थी. इस फिल्म के बाद वे सदी के शहंशाह अमिताभ बच्चन की मां के तौर पर लोकप्रियता हासिल करने में कामयाब रहीं. साल 1999 में आई फिल्म 'लाल बादशाह' में अमिताभ बच्चन और निरूपा रॉय दोनों आखिरी बार मां-बेटे के रोल में दिखे थे.

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नवंबर 2015 में कमल की मौत के बाद निरूपा के दोनों बेटों के बीच भी विवाद  की खबरें आई थीं. दरअसल साल 2004 में निरूपा की मृत्यु के बाद उनके पति कमल संपत्ति के इकलौते मालिक बन गए थे जिसके बाद उनके बेटों और पिता में काफी परेशानियां देखने को मिली थी. इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि रील लाइफ में दो बेटों के बीच 'दीवार' बनी निरूपा को रियल लाइफ में भी इस तरह की त्रासदी झेलनी पड़ी थी. अपने पांच दशक लंबे फिल्मी करियर में उन्होंने लगभग 300 फिल्मों में अभिनय किया. निरूपा रॉय ने 13 अक्टूबर 2004 को इस दुनिया को अलविदा कहा था. 

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