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नितिन बोस की फिल्म से हुई थी देश में प्ल‍ेबैक सिंगिंग की शुरुआत

नितिन को फोटोग्राफी में दिलचस्पी थी. नितिन के पापा भी एक निपुण फोटोग्राफर थे. जब उन्हें पता चला कि नितिन को फोटोग्राफी पसंद है तो उन्होंने नितिन को फोटोग्राफी के गुण सिखाए.

Photo courtesy: cinestaan Photo courtesy: cinestaan
हंसा कोरंगा
  • नई दिल्ली,
  • 26 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 7:27 AM IST

नितिन बोस को भारतीय सिनेमा के बड़े फिल्म निर्देशकों में शुमार किया जाता है. नितिन ने बंगाली और हिंदी सिनेमा में उल्लेखनीय काम किया. उनका जन्म 26 अप्रैल 1897 को कोलकाता में हुआ था. अपने करियर के शुरुआती दौर में उन्होंने न्यू थियेटर में काम किया. न्यू थियेटर में बंगाली और हिंदी दोनों भाषा में फिल्में बनती हैं.

नितिन को फोटोग्राफी में दिलचस्पी थी. उनके पापा भी एक निपुण फोटोग्राफर थे. जब उन्हें पता चला कि नितिन को फोटोग्राफी पसंद है तो उन्होंने नितिन को फोटोग्राफी के गुण सिखाए.

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पहले भारतीय सिनेमा में फीचर फिल्म का चलन नहीं था. आलमआरा भारतीय सिनेमा में पहली फीचर फिल्म के रूप में आई.  इस दौरान फिल्मों में गाने फिल्माने का रिवाज नहीं था. नितिन बोस के साथ पहली बार ऐसा हुआ. नितिन की बंगाली फिल्म भाग्य चक्र में पहली बार गाने डाले गए. धूप-छांव के नाम से इस फिल्म का हिंदी वर्जन भी लाया गया.

फिल्म भाग्य चक्र 1935 में रिलीज हुई थी. पहली बार फिल्म में गाना गाया गया. गायक केसी डे, पारुल घोष और शुप्रभा सरकार वो शख्स थे जिन्होंने पहली बार फिल्म के लिए अपनी आवाज दी. फिल्म का संगीत रायचंद बोरल ने दिया था.

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नितिन ने इसके अलावा कई सुपरहिट फिल्में बनाईं. उन्होंने फिल्म दुश्मन, मिलन, दीदार, गंगा-जमुना और कठपुतली जैसी फिल्मों में काम किया. फिल्म में शानदार संयोग के लिए 1977 में दादा साहेब फाल्के सम्मान से नवाजा गया.

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