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पद्मावती पर जारी राजनीतिक घमासान के बीच बीजेपी के सीएम मनोहरलाल खट्टर ने अलग राह पकड़ ली है. एक मामले में तो उनकी राय यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से ठीक उलट है. हरियाणा में फिल्म बैन करने की मांग पर कहा, 'सेंसर से क्लियरेंस से पहले किसी फिल्म को बैन करना ठीक नहीं होगा.' खट्टर ने सिर काटने पर इनाम की घोषणा करने वालों से जवाब मांगने की भी बात कही.
हरियाणा कैबिनेट के दो मंत्रियों की मांग पर बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खट्टर ने कहा, 'पद्मावती को लेकर हम सेंसर बोर्ड के क्लियरेंस के बाद ही कोई फैसला लेंगे. लेकिन फिल्म के नाम पर जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं है. किसी को भी ऐसा करने का हक़ नहीं है.' उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि सेंसर बोर्ड की ओर से क्लियरेंस से पहले किसी फिल्म को बैन करना ठीक नहीं है.' दीपिका पादुकोण और संजय लीला भंसाली का सिर काटने पर 10 करोड़ इनाम देने वाले बीजेपी नेता के बयान को खट्टर ने निजी राय बताया.
वाहियात घोषणा पर खट्टर मांगेंगे जवाब
उन्होंने कहा, 'ये उनकी निजी राय है. सरकार का इससे कोई मतलब नहीं है. हम उन्हें बयान के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करेंगे.' बताते चलें कि इसी तरह के बयान पर एक सवाल के जवाब में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था, 'किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. मेरा मानना है कि अगर धमकी देने वाले दोषी हैं तो भंसाली भी कम दोषी नहीं हैं. इस आधार पर अगर धमकी देने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए तो भंसाली के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.'
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दो मंत्रियों ने की थी मांग
रिपोर्ट्स के मुताबिक़ बुधवार को सीएम खट्टर की मौजूदगी में हरियाणा कैबिनेट की एक बैठक हुई. इसमें दो मंत्रियों ने ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए फिल्म के कंटेंट पर आपत्ति जाहिर की. मंत्रियों ने कहा, 'अगर फिल्म से विवादित कंटेंट नहीं हटाए जा रहे हैं तो उसका प्रदर्शन राज्य में प्रतिबंधित कर देना चाहिए'
बीजेपी नेता ने दी थी सिनेमाघर जलाने की धमकी
इससे पहले मंगलवार को मंगलवार को बीजेपी सूरजपाल अमू ने धमकी भरे लहजे में कहा था कि देश का राजपूत समाज एक-स्क्रीन जलाने की ताकत रखता है. इन्होने पहले भी पद्मावती के निर्देशक संजय लीला भंसाली और पद्मावती का रोल करने वाली दीपिका पादुकोण का सिर काटने के बदले 10 करोड़ रुपये के इनाम की घोषणा की थी. अमू ने कहा था, 'अगर ये फिल्म रिलीज हुई तो हम सिनेमाघरों में स्वच्छता अभियान चलाएंगे. विवादित फिल्म को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी ताकत का इस्तेमाल करना चाहिए.' अमू हरियाणा बीजेपी के चीफ मीडिया को-ऑर्डिनेटर हैं.
इन राज्यों में प्रदर्शन रोकने की हो चुकी है बात
यूपी में विवादित कंटेंट के साथ फिल्म रिलीज नहीं करने की बात सामने आ चुकी है. एमपी की शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान की वसुंधरा राजे की सरकार ने भी फिल्म का प्रदर्शन रोकने की बात कही है. पंजाब में कांग्रेस सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी विवादित कंटेंट होने पर पद्मावती का प्रदर्शन रोकने की बात कही है.
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68 दिन से पहले नहीं होगी रिलीज
पद्मावती 1 दिसंबर को रिलीज की जानी थी पर कागजात में कमी की वजह से सेंसर ने निर्माताओं को फिल्म लौटा दी है. IFFI में प्रसून ने बताया कि फिल्म की वर्तमान स्थिति को देखते हुए सर्टिफिकेट देने में 68 दिन लग सकते हैं.
उनका यह बयान आजतक की उन रिपोर्ट्स को कंफर्म करता दिखा जिसमें कहा गया था कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म के मेकर्स द्वारा सर्टिफिकेट देने की प्रक्रिया को जल्दी करने की अर्जी ठुकरा दी है. पहले इस फिल्म को 1 दिसंबर के दिन रिलीज किया जाना था.
प्रसून ने फिल्म को सेंसर बोर्ड में सबमिट करने से पहले कुछ मीडियापर्सन्स को दिखाने पर अपनी निराशा भी जाहिर की. उन्होंने कहा, अगर लोग चाहते हैं कि सेंसर बोर्ड फिल्म पर कोई फैसला ले तो उन्हें बोर्ड को समय, स्वतंत्रता और मानसिक स्पेस देना होगा.