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पद्मावती पर ढाई घंटे चली मीटिंग: कई सवालों का जवाब नहीं दे पाए भंसाली, 2 हफ्ते का समय

पद्मावती को लेकर मचा बवाल संजय लीला भंसाली का पीछा छोड़ने को तैयार नहीं है. गुरुवार को संसदीय कमेटी में करीब ढाई घंटे से ज्यादा देर तक भंसाली की पेशी हुई. भंसाली से कई सवाल किए गए. उन्हें कुछ सवालों के लिखित जवाब के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया गया है.

पद्मावती पद्मावती
अनुज कुमार शुक्ला/बालकृष्ण
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  • 30 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 8:04 AM IST

पद्मावती को लेकर मचा बवाल संजय लीला भंसाली का पीछा छोड़ने को तैयार नहीं है. गुरुवार को संसदीय कमेटी में करीब ढाई घंटे से ज्यादा देर तक भंसाली की पेशी हुई. भंसाली से कई सवाल किए गए. उन्हें कुछ सवालों के लिखित जवाब के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया गया है. बैठक में उनसे कहा गया कि लोग किसी फिल्म के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन फिल्म की वजह से समाज में कोई दिक्कत नहीं हो इसकी जिम्मेदारी सांसदों की है. सतीप्रथा को लेकर कमेटी ने भंसाली को घेरा.

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अंदर मौजूद सूत्रों के मुताबिक़ भंसाली ने कहा, उनकी फिल्म इतिहास पर आधारित नहीं है बल्कि मलिक मोहम्मद जायसी की कविता पर आधारित है. हालांकि फिल्म को कई लोगों को दिखाए जाने के सवाल पर उनके पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं था. बात दें कि मलिक मोहम्‍मद जायसी ने अवधी में 'पद्मावत' नाम से एक महाकाव्‍य रचा था.  यह रानी पद्मिनी की कहानी है. जिसके मुताबिक रानी के रूप में मोहित सुल्‍तान अलाउद्दीन खिलजी उन्‍हें किसी भी हाल में पाना चाहता था, इसके लिए उसने चित्‍तौड़ पर हमला किया, लेकिन हजारों राजपूत महिलाओं के साथ रानी पद्मिनी ने आग में कूदकर जौहर कर लिया था.

ऐतिहासिक पहलू के लिए एक्सपर्ट कमेटी देखेगी फिल्म

सेंसर बोर्ड के चीफ प्रसून जोशी ने कहा, वह लोग इतिहास के पहलू को देखने के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी बनाएंगे जो फिल्म को देखेगी.

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अब सती प्रथा भंसाली के गले की नई फांस  

सूत्रों के मुताबिक़ कथित तौर पर सती प्रथा के महिमामंडन को लेकर कमेटी ने भंसाली को घेरा. कमेटी ने सवाल किया कि क्या फिल्म में जौहर का दृश्य दिखाया गया है? क्या सती प्रथा को फिल्मों में दिखाया जा सकता है?

भंसाली से पूछे गए सवाल

#1. सेंसर बोर्ड को फिल्म भेजने से पहले आपने मीडिया में कुछ लोगों को फिल्म क्यों दिखाई? इसका क्या मतलब है.

#2. आपने 11 नवंबर को फिल्म सेंसर बोर्ड के पास भेजी और खुद से ही ऐलान कर दिया की फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज होगी जबकि आपको मालूम है कि सेंसर बोर्ड के पास फिल्म को सर्टिफिकेट देने के लिए 68 दिन का समय होता है. अपने खुद से तारीख कैसे तय कर ली?

#3. जब पिछले डेढ़ साल से विवाद चल रहा है तब आपने इसे ठीक करने के लिए कदम क्यों नहीं उठाया?

#4. जब फिल्मों में सारे नाम और सारे कैरेक्टर इतिहास से लिए हुए हैं तब यह कैसे कहा जा सकता है कि फिल्म का इतिहास से कोई लेना देना नहीं है.

#5. क्या यह बात सही है कि आपने पहले करणी सेना को यह वादा किया था कि फिल्म उन्हें दिखाएंगे?

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#6. क्या फिल्म में जौहर का दृश्य दिखाया गया है? क्या सती प्रथा को फिल्मों में दिखाया जा सकता है?

इनमें से कई सवालों के जवाब भंसाली ने कमेटी को दिए. कुछ जवाब के लिए उन्हें 2 हफ्ते का वक्त दिया गया है.

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कमेटी के तीन सदस्यों ने कहा- बैन की जाए फिल्म

भंसाली और सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी गुरुवार को संसद की सूचना और तकनीकी कमेटी के सामने पेश हुए. मीटिंग में 14 सदस्यीय कमेटी के 8 सदस्य शामिल हुए. बीजेपी से दो सदस्यों और शिवसेना के एक सदस्य ने फिल्म पर बैन की मांग की. बाकी के सदस्यों ने कहा पहले सेंसर बोर्ड क्लियरेंस दे उसके बाद इस पर कोई फैसला लिया जाना चाहिए.

संसदीय कमेटी के सामने प्रसून जोशी ने कहा, उन्होंने अभी तक फिल्म नहीं देखी है. फिल्म की सर्टिफिकेशन प्रक्रिया जारी है. फिल्म को पहले रीजनल कमेटी देखेगी और फिर सेंट्रल कमेटी. सेंसर बोर्ड पहले एक्सपर्ट्स की राय लेगा फिर किसी नतीजे पर पहुंचेगा. मीटिंग में सेंसर बोर्ड चीफ से पूछा गया कि क्या फिल्म के प्रोमो को अप्रूव कराया गया था. जिस पर उन्होंने कहा, हां प्रोमो अप्रूव थे. कुछ मेंबर्स ने यह भी कहा कि कमर्शियल फायदे के लिए विवादों को तूल दिया जा रहा है.

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