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चांद पर इतिहास रचने जा रहा हिंदुस्तान, प्रसून जोशी ने लिखी ये कविता

हिंदुस्तान आज चांद पर ऐतिहासिक कदम रखने जा रहा है और इस ऐतिहासिक पल के लिए सेंसर बोर्ड के चीफ और मशहूर गीतकार प्रसून जोशी ने एक कविता इस प्रोजेक्ट को डेडिकेट की है.

प्रसून जोशी प्रसून जोशी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 10:13 PM IST

हिंदुस्तान आज चांद पर ऐतिहासिक कदम रखने जा रहा है. लैंडर विक्रम से रोवर प्रज्ञान के अलग होते ही और चांद पर प्रज्ञान के पहुंचते ही चांद को लेकर कई रहस्यों और मिथ्याओं से पर्दा उठ जाएगा. ISRO ने प्रज्ञान के चांद पर लैंड करने और उसके काम करने के पूरे अंदाज को एक वीडियो से शेयर किया गया है. इस ऐतिहासिक पल के लिए सेंसर बोर्ड के चीफ और मशहूर गीतकार प्रसून जोशी ने एक कविता इस प्रोजेक्ट को डेडिकेट की है.

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चन्द्रयान की टीम ने देखो

कैसा अद्भुत काम किया

युगों युगों से सूत कातती

अम्मा को आराम दिया

यही चाँद माँगा करता था

मोटा एक झिंगोला

इसी चाँद का मुँह टेढ़ा था

यही था वो अलबेला

अब मय्या से ज़िद ना करेंगे

बाल कृष्ण मुसकाएँगे

चन्द खिलौना हाथ में ले कर

लीला नयी रचाएँगे

और हम भी अब पास से जा कर

देखेंगे बस घूर के

और ना कहेंगे चन्दा को हम

चन्दा मामा दूर के

साल 2017 में सीबीएफसी के अध्‍यक्ष पद से पहलाज निहलानी को हटाकर प्रसून जोशी को नया अध्‍यक्ष बनाया गया था. वे पीएम मोदी के साथ अपने इंटरव्यू को लेकर भी काफी चर्चा में आए थे. वे हाल ही में सीबीएफसी के नए लोगो के लॉन्च होने पर भी काफी उत्साहित दिखे थे.

गौरतलब है कि 7 सितंबर की रात करीब 1.38 बजे चंद्रयान-2 चांद के ऊपर 35 किमी की ऊंचाई से सतह की तरफ जाना शुरू करेगा. करीब 10 मिनट बाद 7.4 किमी की ऊंचाई से इस पर ब्रेक लगाया जाएगा. ये ब्रेक उसके इंजन को विपरीत दिशा में स्टार्ट कर किया जाएगा. करीब दो मिनट बाद 1.50 बजे विक्रम लैंडर चांद की सतह की मैपिंग शुरू करेगा.

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इसके ठीक दो मिनट बाद यानी 1.52 बजे विक्रम लैंडर चांद की सतह की सबसे नजदीकी तस्वीर पृथ्वी पर इसरो सेंटर को भेजेगा. इस तस्वीर को भेजने के बाद करीब एक मिनट बाद यानी 1.53 बजे के आसपास वह चांद की सतह पर उतरेगा. इसके दो घंटे बाद यानी 3.53 बजे विक्रम लैंडर, रोवर के बाहर आने के लिए अपने दरवाजों को खोलकर रैंप बाहर निकालेगा. आधे घंटे बाद 4 बजकर 23 मिनट पर प्रज्ञान ऑन होगा.

इसरो के इस प्रोजेक्ट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ISTRAC सेंटर के बगल में स्थित मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स से इस ऐतिहासिक घटना के गवाह बनेंगे. उनके साथ करीब 70 बच्चे भी चंद्रयान-2 की लैंडिंग को लाइव देखेंगे.

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