
इंडिया टुडे कॉनक्लेव ईस्ट 2018 में चर्चा के दौरान बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रीति जी जिंटा ने अपनी पहली फिल्म 'क्या कहना' के कुछ किस्से सुनाए. उन्होंने कहा- उस समय मैं नई थी. मैंने सब कुछ सेट पर ही सीखा. हर कोई मुझे डांटता था. प्रीति जिंटा ने बताया कि उन्हें सबसे ज्यादा डांस कोरियोग्राफर सरोज खान से पड़ी. वह कहती थीं, ''ये क्या है इनको खड़ा होना नहीं आता. स्टैंड हैं या हीरोइन."
प्रीति ने कहा कि उन्हें उस वक्त समझ नहीं आता था कि कैसे करें. सरोज जी उन्हें सबके सामने डांट देती थीं. प्रीति जिंटा ने कहा ''मैं वापस आने के लिए कुंदन शाह से अपना पासपोर्ट मांगने गई. ये सुनकर वो काफी चिल्लाए. उन्होंने मुझे रोकने के लिए गेट बंद कर लिए. मैंने उनका लेक्चर सुना और फिर फिल्म की दुनिया में मैं पूरी तरह सेटल हो गई.''
क्रिकेट में सट्टेबाजी हो लीगल
प्रीति ने कहा कि उनका मानना है कि सट्टेबाज को लीगल कर देना चाहिए. इसके पीछे प्रीति ने अपना लॉजिक भी दिया. प्रीति का कहना है कि सट्टेबाजी से सरकार को रेव्यू प्राप्त हो सकता है. बीसीसीआई भी इसे लीगल किए जाने का सुझाव दे चुका है. देखिए आप हर एक व्यक्ति का लाई डिटेक्टर टेस्ट नहीं कर सकते. लोगों के अंदर पकड़े जाना का डर होता है. यदि आप कमीने होगे तो होंगे, मेरे कहने से ये बदल नहीं जाता."