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4 पीढ़ियों से कायम है पाकिस्तान में जन्मे इस अभिनेता के परिवार का जादू

पृथ्वीराज कपूर को बॉलीवुड का मुगल-ए-आजम कहा जाता है. पाकिस्तान के लायलपुर की तहसील समुंद्री में 3 नवंबर, 1906 को उनका जन्म हुआ था.

फोटो : न्यूज फ्लिक्स फोटो : न्यूज फ्लिक्स
अनुज कुमार शुक्ला
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  • 04 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:36 AM IST

पृथ्वीराज कपूर को बॉलीवुड का मुगल-ए-आजम कहा जाता है. पाकिस्तान के लायलपुर की तहसील समुंद्री में 3 नवंबर, 1906 को उनका जन्म हुआ था. पृथ्वीराज कपूर की चार पीढ़ियों का दबदबा बॉलीवुड में देखा जा सकता है. पृथ्वी राज को मुगल-ए-आजम जैसी क्लासिक फिल्मों के लिए जाना जाता है. वो रंगमंच के भी प्रख्यात अभिनेता थे.

पृथ्वीराज के सबसे बड़े बेटे राजकपूर बॉलीवुड में शोमैन के रूप में फेमस हुए. उनके दो और बेटे शम्मी कपूर और शशि कपूर ने बतौर अभिनेता काफी नाम कमाया. पृथ्वीराज के अभिनय की विरासत उनके ग्रैंड सन रणधीर कपूर, ऋषि कपूर और राजीव कपूर ने भी आगे बढ़ाया. चौथी पीढ़ी में करिश्मा, करीना और रणबीर कपूर उनकी विरासत संभाल रहे हैं.

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दमदार संवादों के लिए मशहूर हैं पृथ्वीराज कपूर

पृथ्वीराज कपूर को उनके दमदार संवादों के लिए जाना जाता है. मुगल-ए-आजम में उनका संवाद 'सलीम तुझे मरने नहीं देगा और हम अनारकली तुझे जीने नहीं देंगे' आज भी सबसे मशहूर फ़िल्मी संवादों में से एक है. पद्म भूषण को दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से नवाजे गए पृथ्वीराज कपूर का निधन 29 मई 1972 को हुआ था.

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खास बातें

1. पृथ्वीराज कपूर 1929 में काम की तलाश में मुंबई आए थे. शुरुआत में इंपीरियल फ़िल्म कंपनी में बिना वेतन के एक्स्ट्रा कलाकार के रूप में काम किया.

2. 1931 में फिल्म आलमआरा में सिर्फ 24 साल की उम्र में अलग-अलग आठ दाढ़ियां लगाकर जवानी से बुढ़ापे तक की भूमिका निभाई.

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3. 1941 में सोहराब मोदी की फिल्म 'सिकंदर' में सिकंदर की यादगार भूमिका की.

4. 1960 में मुगल-ए-आजम में अकबर का किरदार निभाया.

पृथ्वीराज कपूर की चर्चित फ़िल्में

आलम आरा, सिकंदर, आवारा, आनंदमठ, मुगल-ए-आजम, रुस्तम सोहराब, हीर-रांझा और तीन बहुरानियां चर्चित फ़िल्में हैं.

मशहूर फ़िल्मी संवाद

सलीम तुझे मरने नहीं देगा और हम अनारकली तुझे जीने नहीं देंगे- मुगल-ए-आजम

आपके पास देखने वाली आंख है हम उस आंख की तारीफ़ करते हैं - सिकंदर

झूठ की बू तुम्हारी बात में है...लाओ कोई गवाह साथ में है - हीर-रांझा

क़त्ल करने के लिए भी हिम्मत चाहिए - आवारा

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