
चित्तौड़गढ़ की महारानी पद्मावती पर आधारित संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती एक दिसम्बर को रिलीज हो रही है. इसकी रिलीज का राजपूत करणी सेना विरोध कर रही है. सेना ने राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन के किए जाने के लिए एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है. आंदोलन की शुरूआत के तौर पर चित्तौड़गढ़ को बंद रखकर धरना प्रदर्शन किया गया.
फिर हुआ 'पद्मावती' का विरोध, जलाया गया भंसाली का पुतला
करणी सेना के संरक्षक लोकेंद्र सिंह का कहना है कि पद्मावती के रूप में दीपिका पादुकोण को नाच-गान करते हुए दिखाने से राजपूत समाज आक्रोशित है. पद्मिनी को अलाउद्दीन की प्रेमिका के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, लेकिन चित्तौड़गढ के इतिहास को लेकर लिखी गई किताबों और किवदंतियों में इसका कहीं उल्लेख नहीं है. पद्मावती कभी अलाउद्दीन खिलजी से नहीं मिलीं. इतिहासकारों का यह मानना है कि मलिक मोहम्मद जायसी द्वारा लिखे ग्रंथ में शीशे में खिलजी द्वारा महारानी का चेहरा देखने का जो उल्लेख किया है, वह भी सच्चाई से परे है.