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संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत पर बैन लगाने वाले राज्यों में राजस्थान भी है. राजस्थान सरकार सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर रिव्यू कर रही है, जिसमें पद्मावत के बैन पर रोक लगाई गई है. राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने IANS से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने अपने केस को मजबूत करने के लिए करणी सेना से भी मिलकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ लड़ने को कहा था.
राजस्थान सरकार ने कहा कि उसने राजपूत करणी सेना और उससे जुड़े संगठनों को पार्टी बनने का न्योता दिया था, ताकि सुप्रीम कोर्ट में उसके फैसले के खिलाफ दी गई रिव्यू पिटीशन को और मजबूत बनाया जा सके. करणी सेना के प्रमुख लोकेंद्र सिंह कल्वी इस प्रस्ताव से खुश हैं. बकौल कल्वी, 'कटारिया ने कहा है कि हमें अपने केस को मजबूत बनाने के लिए एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए.'
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बता दें कि बैन हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राज्यों ने हैरानी जताई है. यह भी कहा कि कोर्ट ने उनकी चिंताओं और पक्ष को नहीं सुना. हरियाणा और राजस्थान की सरकार ने अपने अधिकारों की दुहाई भी दी है. खबर यह भी है कि बैन लगाने वाले राज्य अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अपने-अपने राज्यों में फिल्म की स्क्रीनिंग रोकने के लिए कानूनी रास्ते तलाश रहे हैं. वसुंधरा और शिवराज सरकार ने इसके संकेत भी दिए हैं.
गुजरात में भी राजस्थान की तरह सबसे ज्यादा फिल्म का विरोध देखने को मिल रहा है. प्रदर्शन, छिटपुट आगजनी के मामले नजर आए हैं.
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अहमदाबाद में महाकाल सेना के अध्यक्ष संजय सिंह राठौर ने आज तक से कहा भी था कि वो लोग हर हाल में फिल्म की स्क्रीनिंग रोकेंगे. करणी सेना ने भी कुछ ऐसी ही धमकी दी है. संजय सिंह ने कहा था, 'डेढ़ साल से आंदोलन चल रहा है. किसी भी हालत पर ये फ़िल्म गुजरात में नहीं चलने देंगे. सरकार, फ़िल्म प्रोड्यूसर के बीच लुका-छिपी का खेल चल रहा है. मैं गुजरात सरकार के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री से विनती करता हूं लुका-छिपी के खेल से हमें हथियार पकड़ने कि लिए मजबूर न करें.