Advertisement

Ramayan 9th May Update: श्रीराम और देवी सीता की जयमाला, जल्द मिथिला में आएगी बारात

देवी सीता के स्वयंवर में जब अनेक प्रान्तों के राजा और राजकुमार शिवधनुष्य उठाने में नाकाम हो गए तब श्रीराम ने निर्णय लिया कि वे शिवधनुष्य उठाएंगे. अब राम की सफलता के बाद उनका शुभविवाह सीता से होने जा रहा है.

रामायण में अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया रामायण में अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 10 मई 2020,
  • अपडेटेड 9:58 AM IST

रामानंद सागर की रामायण का क्रेज जनता के सिर चढ़कर बोल रहा है. शो के लोग दीवाने हैं और स्टार प्लस पर प्रसारित होने के बाद भी इसे मिलने वाले प्यार में कोई कमी नहीं आई है. लेकिन अगर आपसे लेटेस्ट एपिसोड छूट गया है तो चिंता मत कीजिए. आइए हम आपको बताते हैं कि शनिवार के एपिसोड में क्या-क्या हुआ.

Advertisement

देवी सीता के स्वयंवर में जब अनेक प्रान्तों के राजा और राजकुमार शिवधनुष्य उठाने में नाकाम हो गए तब श्रीराम ने निर्णय लिया कि वे शिवधनुष्य उठाएंगे. पहले तो सबने श्रीराम का मजाक बनाया, लेकिन फिर श्रीराम शिवधनुष्य की ओर उसे उठाने के लिए बढ़े तो मन ही मन देवी सीता प्रार्थना करने लगीं कि श्रीराम धनुष्य उठा लें. बड़ी ही सरलता से श्रीराम शिवधनुष्य को उठाते है जिसे देख सब चकित रह जाते है और देवी सीता प्रसन्न हो जाती है. फिर देवी सीता हाथों में वरमाला लेकर श्रीराम की ओर बढ़ती है और श्रीराम को जयमाला पहनाकर उनका आशीर्वाद लेती हैं.

क्रोधित परशुराम से हुई लक्ष्मण की बहस

तभी राजा जनक के महल में पधारते है क्रोधित भगवान परशुराम. राजा जनक उन्हें प्रणाम कर देवी सीता से मिलाते है और फिर श्रीराम भगवान परशुराम का आशीर्वाद लेने आगे बढ़ते है. लेकिन परशुराम ये जानना चाहते है कि शिवधनुष्य को तोड़ने का दुस्साहस किसने किया है. परशुराम बेहद क्रोधित होते है और इसी बीच छिड़ जाती है लक्षमण और भगवान परशुराम में बहस और बात इतनी आगे बढ़ती है कि परशुराम लक्षमण को जानसे मारने की बात कह देते है. लेकिन लक्षमण शांत होने का नाम ही नहीं ले रहे थे.

Advertisement

मोनालिसा के सीरियल नजर को लगी कोरोना की बुरी नजर, शो हुआ बंद

तभी श्रीराम आगे बढ़ते है और परशुराम को बताते हैं कि उन्होंने शिवधनुष्य को उठाया है और ये धनुष्य टूट गया. तभी भगवान परशुराम को श्रीराम में भगवान विष्णु की छवी दिखती है और उनका गुस्सा शांत हो जाता है और वे श्रीराम को आशीर्वाद में अपना धनुष्य देते है, जिसे श्रीराम स्वीकारते है. श्रीराम पूछते हैं कि वे ये दिव्य वैष्णव बाण किसपर चलाएं तब परशुराम कहते कि इस बाण से पूर्वजों के क्रोध और अहंकार का नाश कर दीजिए और इस बाण को पूर्व दिशा में छोड़ दीजिए. उसके बाद श्रीराम को प्रणाम कर और सीता को आशीर्वाद देकर वहां भगवान परशुराम चले जाते हैं.

भाई भरत और शत्रुघ्न ने सुनाई स्वयंवर की कहानी

भरत और शत्रुघ्न राजा जनक का संदेश लेकर माता कौशल्या, कैकई और पिता दशरथ के पास आते है और उन्हें स्वयंवर की पूरी कहानी सुनाते है. वो बताते हैं कि कैसे श्रीराम ने शिवधनुष्य उठाया और सबका मन मोह लिया. इतना ही नही उन्होंने ये भी बताया कि अब जल्द ही होगा श्रीराम और देवी सीता का शुभविवाह होगा. ये सुनकर सब खुशी ने फूले नहीं समाते और घर में खुशी की लहर दौड़ जाती है.

Advertisement

जब 8 साल की आलिया भट्ट ने बताया था अपना फ्यूचर, वायरल हुआ वीडियो

इसके बाद राजा दशरथ शुरू करते है श्रीराम और देवी सीता के शुभविवाह की तैयारी. अगले भाग में दिखाया जाएगा की राजा दशरथ चारो भाइयों का विवाह एक साथ करने का निर्णय लेते हैं, वो भी देवी सीता की ही बहनों से और जल्द मिथिला में आएगी चारो भाईयों की बारात.

इनपुट: पूजा त्रिवेदी

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement