
1987 में लॉन्च हुआ धार्मिक शो रामायण उस दौर में भी हिट रहा था और आज भी. रामानंद सागर ने एक ऐतिहासिक शो बनाया, जिसे सालों बाद भी लोग पूरे उत्साह के साथ देख रहे हैं. रामायण की सफलता का श्रेय इसके डायरेक्शन, स्क्रीनप्ले, कास्टिंग को जाता है. मर्यादा पुरुषोत्तम राम के रोल में अरुण गोविल, सीता के रोल में दीपिका चिखलिया और लक्ष्मण बने सुनील लहरी ने अपने किरदारों को हमेशा के लिए जीवंत कर दिया.
रामायण के लक्ष्मण को क्यों गुस्सा दिलाते थे रामानंद?
जब रामायण फिर से टेलीकास्ट हो रही है तो इससे जुड़े कई पुराने किस्से और बातों का खुलासा भी हो रहा है. एक इंटरव्यू में सुनील लहरी ने बताया कि कैसे उनका लक्ष्मण का किरदार इतना यादगार बना. इसके पीछे का श्रेय वे रामानांद सागर को देते हैं. सुनील ने शूटिंग के दिनों को याद करते हुए कहा था- रामानंद सागर शूटिंग में इतना डूब जाते थे कि वे लंच ब्रेक भी भूल जाते थे. हम तब यंग थे. अपना खाना समय पर खाया करते थे.
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इसलिए ऐसा ना होने पर मैं गुस्सा हो जाता था. रामानंद सागर मेरे गुस्से का इस्तेमाल करते थे और इसे शूट के वक्त अच्छे से भुनाते थे. इसी वजह से मेरा लक्ष्मण का रोल इतना यादगार रहा. रामानंद सागर मुझे जानबूझकर गुस्सा दिलाते थे. ताकि मुझे गुस्सा आए वो स्क्रीन पर लक्ष्मण का गुस्सा दिखाने में इसे इस्तेमाल कर पाए. हमारे लव-हेट रिलेशनशिप की वजह से वे मुझे अपना छठा बेटा कहते थे.
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रामायण में अरुण गोविल का किरदार जहां शांत और सौम्य स्वभाव का था. वहीं लक्ष्मण का किरदार ऐसा है जो जल्दी उत्तेजित हो जाता है, आपा खो बैठता है. सुनील ने इस किरदार को अमर बना दिया. उनकी अदाकारी लोगों के खूब पसंद आई. बता दें, रामायण में पहले लक्ष्मण के रोल के लिए संजय जोग को अप्रोच किया गया था. लेकिन वो शो को लंबा समय नहीं दे सकते थे. इसलिए मेकर्स ने सुनील को लक्ष्मण का रोल दिया.