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6 दिन तक सागर ऑफिस से आता रहा फोन, स्वप्नील जोशी को ऐसे मिला रामायण में काम

स्वप्नील का शो उत्तर रामायण में आना आसान नहीं था. स्वप्नील बताते हैं कि वे उस समय चौल में रहते थे और पूरी चौल में सिर्फ एक ही इंसान के घर में फोन हुआ करता था और वो इंसान उनकी पड़ोस की आंटी थीं.

स्वप्नील जोशी स्वप्नील जोशी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 मई 2020,
  • अपडेटेड 5:49 PM IST

रामानंद सागर के सीरियल उत्तर रामायण में कुश का किरदार निभाने वाले एक्टर स्वप्नील जोशी को जनता से खूब प्यार मिला था और आज भी मिल रहा है. लेकिन स्वप्नील के काम की जितनी तारीफ हुई उन्हें इस शो में काम मिलने की कहानी उतनी ही दिलचस्प है. स्वप्निल जोशी के लिए उत्तर रामायण में काम करना किसी सपने के सच होने जैसा था. वो भी ऐसे सपने का सच होना जिसे देखने की हिम्मत उन्होंने कभी की ही नहीं.

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स्वप्नील को एक्टर विलास राज की वजह से रामानंद सागर की नजरों में पहचान मिली थी. एक दिन गणेश उत्सव के दौरान एक्टर विलास राज, स्वप्नील की चौल में आए थे और उन्हें नाटक में काम करते देख उनका पता पूछने लगे. विलास स्वप्नील के घर आए, उनके पिता से बात की और स्वप्नील की एक फोटो लेकर चले गए. उस फोटो को विलास राज ने सागर आर्ट्स प्रोडक्शन में दिया था, जिसके बाद रामानंद सागर को छोटे स्वप्निल पसंद आ गए थे.

6 दिनों तक आते रहे कॉल, नहीं हुई बात

लेकिन फिर भी उनका शो में आना आसान नहीं था. स्वप्नील बताते हैं कि वे उस समय चौल में रहते थे और पूरी चौल में सिर्फ एक ही इंसान के घर में फ़ोन हुआ करता था. वो थीं स्वप्नील के पड़ोस में रहने वाली आंटी. विलास राज के फोटो ले जाने के बाद स्वप्नील के लिए उनके पड़ोस की आंटी के फोन पर कॉल आया था, जिसमें बोला गया कि हम सागर आर्ट्स प्रोडक्शन से बोल रहे हैं और हमें स्वप्नील जोशी के पिता मोहन जोशी से बात करनी है.

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जब स्वप्नील के पिता मोहन जोशी को ये बात बोली गई तो उन्हें लगा कि कोई उनसे मजाक कर रहा है. ऐसे में उन्होंने पड़ोसन से बुलवा दिया कि वो बात नहीं करना चाहते हैं. लेकिन फिर भी 6 दिन तक लगातार स्वप्नील के पिता के लिए सागर आर्ट्स से फोन आते रहे. जब सांतवे दिन फोन बजा और आंटी ने उठाया जब फोन के दूसरी तरफ से शक्स ने कहा कि मैं मोती सागर बोल रहा हूं.

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इसपर पड़ोसन ने एक बार फिर जाकर स्वप्नील के पिता मोहन जोशी को बताया कि इस बार मोती सागर का कॉल आया है. स्वप्नील के पिता ने बात की तो मोती सागर उनसे थोड़ा नाराज थे. उन्होंने कहा कि आप ये क्यों कह रहे हैं कि आपको बात नहीं करनी? बात नहीं करनी तो बेटे की फोटो क्यों भेजी थी ऑफिस में. इसके बाद मोहन जोशी ने उन्हें बताया कि विलास राज आए थे और वो स्वप्नील की फोटो लेकर गए थे. उन्हें नहीं पता था कि स्वप्निल की फोटो सागर आर्ट्स को दी जाएगी.

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मोती सागर ने स्वप्नील के पिता को बताया कि वे उत्तर रामायण के लिए लव-कुश की तलाश कर रहे हैं और रामानंद सागर को उनके बेटे की फोटो पसंद आई है. इसे बाद मोती सागर ने स्वप्नील और उनके पिता को ऑफिस आने के लिए कहा. बाद में वे रामानंद सागर जी से मिले और उन्हें ऑडिशन के बाद कुश का रोल निभाने के लिए चुना गया.

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