
रानी मुखर्जी एक बार फिर बड़े पर्दे पर अपनी अदायगी से दर्शकों को हैरान करने के लिए तैयार हैं. 23 मार्च को रिलीज होने जा रही रानी मुखर्जी की इस फिल्म में वह एक ऐसी टीचर का किरदार अदा कर रही हैं जिन्हें टूरेट सिंड्रोम हैं. रानी मुखर्जी ने आज तक से हुई खास बातचीत में अपनी आने वाली इस फिल्म और पर्सनल लाइफ से जुड़े कई सवालों के जवाब दिए.
इस फिल्म को चुनने की वजह?
मैं ये कहना चाहूंगी कि जब भी मुझे फिल्में ऑफर होती है तो मुझे उनमें मेरा इमोशनल किरदार ही आकर्षित करता है. मेरा झुकाव इमोशनल किरदारों की तरफ हमेशा से रहा है. यही वो चीज है जो मुझे मेरे ऑडियंस से जोड़े रखती है. हिचकी फिल्म में भी नैना माथुर का किरदार बेहद इमोशनल किरदार है और इसमें एक खास संदेश भी छिपा हुआ है इसिलए मैंने इस फिल्म को हां कहा.
बॉक्स ऑफिस पर फिल्म चलेगी या नहीं क्या ये फैक्टर भी जहन में रखकर फिल्म का चुनाव करती हैं?
फिल्मेकर्स वही फिल्में बनाते हैं जो बॉक्स ऑफिस पर अच्छा काम करें. ऐसी बहुत सी फिल्में बनी हैं जिनमें सकारात्मक संदेश छिपा होता है और ये फिल्में काफी एंटरटेनिंग साबित होती हैं.
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टूरेट सिंड्रोम से ग्रसित नैना माथुर के किरदार के लिए तैयारी कैसे की?
ये बेहद मुश्किल था. क्योंकि जो बच्चे इस सिंड्रोम का शिकार हैं उनके साथ बातचीत करना बेहद मुश्किल रहा, इसकी वजह उनके माता-पिता की दीवार थी. हमारे देश के एजुकेशन सिस्टम में इस तरह के बच्चों को लेकर काफी भेदभाव देखने को मिलता है. इस सिंड्रोम के बारे में देश में ज्यादा अवेयरनेस भी नहीं देखने को मिलती. इसलिए इस फिल्म के जरिए हमारी कोशिश यही है कि लोग इस पर बात करें. फिल्म देखने के बाद शायद लोग इस बीमारी को पहले की तरह से ना देखें और इसके प्रति जागरुक रहें.
मुझे इस किरदार को अदा करने के लिए सबसे बड़ी मदद ब्रैड कोहेन से मिली जिनकी जिंदगी पर ये फिल्म आधारित है. ब्रैड खुद शिक्षक रहे हैं और इस सिंड्रोम की जागरुकता के लिए आवाज उठाते आए हैं. ब्रैड के साथ वक्त बिताने के बाद इस किरदार को अदा करना मेरे लिए आसान हो गया था.
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क्या आप सोशल मीडिया पर हैं?
नहीं, मेरा सोशल मीडिया पर कोई अकाउंट नहीं है. मैं अपने काम को जॉब की तरह लेती हूं. मैं 24x7 सिर्फ अपने प्रोफेशन के बारे में अपडेट या बात नहीं कर सकती. मेरा मानना है कि मैं अपना काम खत्म करूं और वापिस अपने घर जाउं, अपने पति और बेटी के साथ वक्त बिताऊं . शादी से पहले भी मेरा यही रूटीन था, काम खत्म करो और अपने मां-बाप के पास जाकर उनके साथ वक्त बिताओ.
क्या हिचकी आपकी कमबैक फिल्म साबित होगी?
इसे कमबैक कहने से अच्छा है मैटरनिटी लीव कहा जाए. हम लोग कई फिल्में बनाते हैं कुछ नोटिस होती हैं और कुछ नहीं. कमबैक जैसे वर्ड्स नहीं बल्कि वर्क मायने रखता है.