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...और मिलने का सपना रह गया अधूरा, मोहम्मद अजीज से आखिरी बातचीत

मशहूर प्लेबैक सिंगर मोहम्मद अजीज का मंगलवार को निधन हुआ था. उनकी उम्र 64 साल थी. अजीज ने कई फिल्मों के हिट गाने गाए थे.

मोहम्मद अजीज मोहम्मद अजीज
हंसा कोरंगा/विश्व मोहन मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 12:01 PM IST

एक अंधेरा लाख सितारे

एक निराशा लाख सहारे

सबसे बड़ी सौगात है जीवन

नादां हैं जो जीवन से हारे... (फिल्म- आखिर क्यों?)

हर तरह की मुश्किल में आशा की किरण दिखाने वाली इन पंक्तियों के पीछे के लोग अब इतिहास हैं. इसलिए, क्योंकि इसे लिखने वाले और बोलों को जादुई आवाज देने वाले दोनों फनकार अब इस दुनिया में नहीं हैं. संयोग भी कुछ अजीब-सा... दोनों ने एक ही तारीख को दुनिया से विदा ली. 21 साल पहले 27 तारीख (फरवरी) को गीतकार इंदीवर और 27 तारीख (नवंबर) को ही मोहम्मद अजीज का निधन हो गया.

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1980 के दशक के उत्तरार्ध और 1990 के दशक की शुरुआत में मोहम्मद अजीज ने बॉलीवुड फिल्मों में अपने अद्भुत पार्श्व गायन की ऐसी खूबसूरती बिखेरी कि उन्हें मोहम्मद रफी का उत्तराधिकारी तक कहा जाने लगा. किशोर कुमार, जिन्होंने सबसे पहले उन्हें "मुन्ना" कहकर पुकारा, उसी मुन्ना ने संगीतकार जोड़ी लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के साथ मेलोडी का ऐसा दौर दिखाया, जो लाखों लोगों को अपना दीवाना बना गया. 31 साल की उम्र में 'मर्द तांगे वाला' गाना गाकर सुर्खियां बटोरने वाले अजीज ने अपने करियर के दौरान अमिताभ बच्चन के लिए 29 फिल्मों में गाने गाए.

तमाम लोगों की तरह मैंने भी मोहम्मद अजीज की आवाज के जादू को अंदर तक महसूस किया. उनके गानों ने मुझे लगातार लुभाया. वक्त बदला, नया दौर आया, गायकों की नई खेप आई और अजीज के फिल्मी गाने लगातार कम होते गए. फिर ऐसा भी वक्त आया जब वो स्टेज शो के जरिए ही परफॉर्मेंस देने लगे.

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स्वर्णिम आवाज के मालिक अजीज से जुड़े उस रोमांचक अनुभव को कभी नहीं भूल पाऊंगा, जब एक रात अजीज के गाने सुनते-सुनते खुद को रोक नहीं पाया और उनसे बात करने की ख्वाहिश उमड़ पड़ी. किसी तरह उनका मोबाइल नंबर पाने में कामयाब रहा. नंबर मिलाया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया. सोचा रात के 11 बज चुके हैं, इतने बड़े फनकार, भला एक अनजान से फोन पर कोई क्यों जवाब देगा.

... लेकिन ये क्या. कुछ ही देर बाद फोन घनघनाने लगा. स्क्रीन पर ट्रू कॉलर में 'मोहम्मद अजीज सिंगर' नाम बता रहा था. मैंने फोन रिसीव किया और दूसरी तरफ से आवाज आने का इंतजार किए बगैर बोल बैठा, क्या मैं अनोखे मोहम्मद अजीज से बात कर रहा हूं? दूसरी तरफ से जो आवाज आई वह वाकई मोहम्मद अजीज की ही थी.

उन्होंने मुझसे सीधे पूछा- अनोखे कैसे..? अच्छे या बुरे अर्थ में..?  मैंने कहा बुरा क्यों, आप तो बेमिसाल हैं. आपको सुनकर बड़ा हुआ, आपसे बात करना चाहता हूं.. यह सुनकर वह बहुत खुश हुए और उन्होंने मुझसे पूछा- क्या करते हैं, कहां रहते हैं. उस छोटी सी बातचीत में इतना अपनापा रहा कि बहुत मजा आया. लगा ही नहीं कि इससे पहले कभी हमारी बातचीत नहीं हुई.

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बातचीत के दौरान ही अजीज ने मिलने को भी कहा. उन्होंने कहा- जब भी इधर (मुंबई) आना हो, मुझे भी बता देना. मैं आपसे मिलना चाहूंगा. करीब तीन महीने पहले उनसे मेरी आखिरी बार बात हुई थी. मैंने इस 'वाकये' को अपने कुछ साथियों को भी बताया था. यहां तक कि मैंने मुंबई जाने का मन भी बना लिया था. मैं उस मूवमेंट को महसूस करना चाहता था. लेकिन...

27 नवंबर की शाम अजीज से जुड़ी जो खबर आई वो किसी वज्रपात से कम नहीं. न्यूज रूम में अचानक 'मोहम्मद अजीज' के निधन की खबर पर सरगर्मी बढ़ गई. अजीज अब नहीं रहे. कुछ देर बाद, तो सोशल मीडिया पर शोक जताने वालों का तांता लग गया. मैंने अपने पसंदीदा सिंगर से मिलने का मौका गंवा दिया. ये दुख मुझे जीवन भर सालता रहेगा. हर दिल अजीज, मुन्ना भाई अब सिर्फ मेरी यादों में रहेंगे.

श्रद्धांजलि-

ऐ मेरे दिल हरदम ये दुआ कर

या मेरे मालिक तू सबका भला कर

(मो. अजीज, फिल्म- कब्जा)

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