
संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' का विवाद अब आक्रामक रूप लेने लगा है. फिल्म पर लगे तमाम आरोपों और बवाल के बीच आजतक के रिपोर्टर ने यह फिल्म जाने-माने इतिहासकार इरफान हबीब के साथ देखी. 3 घंटे की यह फिल्म उन तमाम विवादों और आरोपों के विपरीत पाई जिसपर इतना घमासान मचा हुआ है. पढ़िए इतिहासकार इरफान हबीब की नजर में संजय लीला भंसाली की 'पद्मावत'...
फिल्म देखने के बाद इरफान हबीब ने आज तक से बातचीत करते हुए कहा कि यह समझ के परे है कि आखिरकार इतना बवाल क्यों मचा है क्योंकि आरोपों के बिल्कुल उलट संजय लीला भंसाली की 'पद्मावत' सिर्फ और सिर्फ राजपूताना गौरव का प्रचार करती है. फिल्म देखने के बाद मशहूर इतिहासकार ने कहा कि पूरी फिल्म के दौरान खिलजी पद्मावती को देख तक नहीं पाता.
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इतना ही नहीं उनका कहना है कि यह फिल्म मलिक मोहम्मद जायसी की 'पद्मावत' की कविता की पूरी नकल नहीं बल्कि कई सारी कल्पनाओं से गढ़ी गई एक टिपिकल बॉलीवुड मसाला फिल्म है.
3 घंटे के दौरान ऐसा कोई भी वाकया नहीं आया जब खिलजी और पद्मावती आमने सामने आए हो या खिलजी ने पद्मावती को देखा हो. यह फिल्म बड़े पर्दे पर महाभारत जैसी किसी कहानी को देखने जैसा है. फिल्म के साथ इतना विवाद जुड़ गया है कि हर कोई 3 घंटे के दौरान उन चरित्रों को खोजने की कोशिश करता है जिसको लेकर सड़क पर हंगामा मचा हुआ है. लेकिन 3 घंटे के बाद उन तमाम आरोपों और बाबाओं से जुड़ा कोई तथ्य सामने ना आने के बाद आप मायूसी लेकर ही थिएटर के बाहर निकल पाएंगे.
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संजय लीला भंसाली की 'पद्मावत' की अच्छी बात यह है कि फिल्म में कला का बेहतरीन प्रदर्शन है. शाहिद कपूर और दीपिका पादुकोण रानी पद्मावती और राजा रतन सिंह के किरदार को जीते नजर आते हैं अलाउद्दीन खिलजी के किरदार में रणवीर सिंह ने वह छाप छोड़ी है जो पूरे साल कोई भूल नहीं पाएगा.
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संजय लीला भंसाली की 'पद्मावत' अगर बॉक्स ऑफिस पर सफल होती है तो उसका सबसे बड़ा क्रेडिट रणवीर सिंह और उनके किरदार को जाएगा. एक खूंखार विलेन जो हर पल डराता है. महिलाओं से लेकर राजा-रानियों के कपड़े और गहने फिल्म को जिंदा रखते हैं. सर कटने के बाद भी गोरा बादल खिलाडियों से लड़ते हुए राजपूताना गौरव को चार चांद लगाते दिखाई पड़ता है.
फिल्म को सिर्फ और सिर्फ मनोरंजन की दृष्टि से देखने जाएं तो यह फिल्म निराश नहीं करेगी.