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टाइम पत्रिका कवर शेयर कर रिचा चड्ढा ने यूं कसा पीएम मोदी पर तंज

टाइम पत्रिका ने अपनी स्टोरी के टाइटल में मोदी को डिवाइडर इन चीफ बताया है. इस स्टोरी का कैप्शन भी दिया है कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र हिंदुस्तान क्या मोदी सरकार के पांच साल और झेल पाएगा ?

रिचा चड्ढा और टाइम पत्रिका कवर रिचा चड्ढा और टाइम पत्रिका कवर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 मई 2019,
  • अपडेटेड 3:27 PM IST

अभिनेत्री रिचा चड्ढा ट्विटर पर काफी एक्टिव हैं. वे इस प्लेटफॉर्म के जरिए आपदा में फंसे लोगों को लेकर अक्सर ट्वीट करती हैं. इसके अलावा वे इस प्लेटफॉर्म पर पॉलिटिकली भी काफी एक्टिव हैं. वे अक्सर मोदी सरकार की गलत नीतियों की आलोचना करती हैं. हाल ही में रिचा ने प्रतिष्ठित पत्रिका टाइम की कवर स्टोरी भी शेयर की. ये स्टोरी पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में है. टाइम पत्रिका ने अपनी स्टोरी के टाइटल में मोदी को डिवाइडर इन चीफ बताया है. इस स्टोरी का कैप्शन भी दिया है कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र हिंदुस्तान क्या मोदी सरकार के पांच साल और झेल पाएगा ?

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टाइम पत्रिका की इस इंटरनेशनल कवर स्टोरी की प्रशंसा करते हुए रिचा चड्ढा ने पीएम मोदी और भारतीय मीडिया पर तंज कसते हुए लिखा कि जब आप देश से बाहर की प्रेस और मीडिया को खरीदने की ताकत नहीं रखते हैं तो ऐसा ही होता है.

रिचा चड्ढा के इस ट्वीट को मशहूर फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने रीट्वीट भी किया है.

इस आर्टिकल को लिखने वाले शख़्स को लेकर भी काफी चर्चा है. दरअसल इस आर्टिकल को आतिश तासीर ने लिखा है. साल 1980 में ब्रिटेन में पैदा हुए आतिश, भारतीय पत्रकार तवलीन सिंह और पाकिस्तानी राजनेता और बिजनेसमैन सलमान तासीर के बेटे हैं.

कई लोगों ने इस आर्टिकल को यूं भी तवज्जो देना जरूरी नहीं समझा क्योंकि इसे एक पाकिस्तानी राजनेता के बेटे ने लिखा है लेकिन इस बात के जवाब में लोगों ने ये भी कहा कि आतिश की मां तवलीन सिंह बीजेपी की घोर समर्थक हैं. हालांकि आतिश अपने माता पिता की पहचान से इतर एक अलग पहचान बना चुके हैं. उनकी पहली किताब स्ट्रेंजर टू हिस्ट्री को 14 से ज्यादा भाषाओं में ट्रांसलेट किया गया है और इसे मुस्लिम समाज को समझने के लिए एक बेहतरीन जरिया माना जाता है.

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इसके अलावा उनके उपन्यास टेंपल गोअर्स को 2010 के कोस्टा फर्स्ट नॉवल अवॉर्ड के लिए शॉर्ट लिस्ट किया गया है. उन्होंने साल 2008 में मंटो की कहानियों को भी ट्रांसलेट किया था. साल 2011 में अपने पिता की हत्या होने पर उन्होंने पाकिस्तान के हालातों पर भी एक आर्टिकल लिखा था.

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