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63 साल पहले आई थी ये फिल्म, पापा के रोमांटिक गाने में दिखा था ये स्टार

फिल्म श्री 420 के आइकॉनिक गाने प्यार किया इकरार किया... हिंदी सिनेमा के यादगार गीतों में से एक है. फिल्म में राजकपूर और नरग‍िस के बीच खूबसूरत रोमांस दिखाया गया है.

श्री 420 फिल्म सीन श्री 420 फिल्म सीन
ऋचा मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 30 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 6:47 PM IST

फिल्म श्री 420 के आइकॉनिक गाने प्यार किया इकरार किया... हिंदी सिनेमा के यादगार गीतों में से एक है. फिल्म में राजकपूर और नरग‍िस के बीच खूबसूरत रोमांस दिखाया गया है. लेकिन इस गाने में एक सीन है जब राज कपूर और नरग‍िस के साथ सड़क के किनारे तीन बच्चे चल रहे हैं. ये जानकर हैरानी होगी कि सड़क किनारे बारिश में रेनकोट पहने चल रहे तीनों बच्चे कपूर खानदान के हैं. सबसे छोटा और मस्त दिख रहा बच्चा कोई और नहीं ऋष‍ि कपूर है. इस सीन में दिखे दूसरे बच्चे ऋष‍ि कपूर के भाई-बहन हैं.

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पापा की फिल्म में पहला सीन शूट करते हुए रो पड़े थे ऋष‍ि कपूर

हाल ही में ऋष‍ि कपूर 102 नॉट आउट फिल्म के प्रमोशन के लिए इवेंट पर पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने अपने फिल्मी करियर से जुड़े कई अनुभव को साझा करते हुए ऋष‍ि कपूर ने बताया कि प्यार किया इकरार किया...गाने में मेरी उम्र बहुत कम थी. गाने में मुझे अपने भाई-बहन के साथ सड़क किनारे चलते हुए जाना था. मेरा ये सीन बेशक देखने में आसान लगे लेकिन इसे शूट करना बहुत मुश्क‍िल था. यह सीन बारिश में शूट हुआ, मैंने जैसे वॉक करना शुरू की चेहरे पर पानी पड़ा. बस फिर क्या था...मैं बुरी तरह रोने लगा और अपनी आंखे बंद कर ली. तब पूरी शूटिंग रोक दी गई और नरग‍िस जी मेरे पास आईं. उन्होंने कहा कि मैं तुम्हें चॉकलेट दूंगी. तुम चुप हो जाओ. उस वक्त एक चॉकलेट के बदले मैंने बिना रोए बारिश में चलते हुए अपनी जिंदगी का पहला शॉट दिया था. ये सीन बहुत खास था क्योंकि पापा की फिल्म में मेरा पहला सीन था.

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खाने की टेबल पर मिला मेरा नाम जोकर में रोल

ऋष‍ि कपूर ने बताया कि मेरा चुनाव 1970 में रिलीज मेरा नाम जोकर में भी खाने की टेबल पर फाइनल हुआ था. पापा राज कपूर लीड रोल में थे, मुझे उनके स्कूल टाइम का किरदार निभाना था. खाने की टेबल पर पापा और मां के साथ हम सब खाना खाने बैठे थे. तभी पापा ने मां से कहा कि मैं चाहता हूं चिंटू मेरे बचपन का रोल फिल्म में निभाए. ये सुनकर मां ने बस यही कहा कि उसकी पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं आनी चाहिए. मैं भी वहां मौजूद उन दोनों की बातें चुपचाप सुनता रहा. मैंने मां-पापा के साथ अपना खाना खाया और उनके सामने कोई रिएक्शन नहीं दिया. ऋष‍ि कपूर ने बताया कि फिल्म में काम को लेकर मैं इतना खुश था कि खाने की टेबल से सीधा अपने कमरे में आया. वहां पहुंचकर मैंने पेन-पेपर निकाला और ऑटोग्राफ देने की प्रैक्ट‍िस करने लगा.

रोते हुए खुद को शीशे में देखते थे ऋष‍ि कपूर

इंटरव्यू के दौरान ऋष‍ि कपूर ने बताया कि मैं बचपन में मां की मार खाने के बाद बुरी तरह रोता था. रोने के बाद मैं हमेशा शीशे में अपनी शक्ल देखता रहता था. ये बात मुझे सही से याद नहीं लेक‍िन शश‍ि कपूर अंकल मुझे हमेशा ये बात याद कराते थे. इस तरह कह सकता हूं कि रोते हुए भी मैं अपना एक्ट देखता रहता था.  

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