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हेलिकॉप्टर क्रैश और आग दुर्घटना में बच निकला था ये अभिनेता

संजय खान के जन्मदिन पर जानिए उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ चौंकाने वाले तथ्य. संजय चांदी सोना, जय हनुमान, दोस्ती और काला धंधा गोरे लोग जैसी फिल्मों में काम कर चुके हैं.

संजय खान और हेमा मालिनी संजय खान और हेमा मालिनी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 6:53 AM IST

एक फूल दो माली, चांदी सोना, जय हनुमान, दोस्ती और काला धंधा गोरे लोग जैसी फिल्मों में काम कर चुके 90 के दशक के दमदार अभिनेता संजय खान 3 जनवरी को अपना 78वां जन्मदिन मना रहे हैं. साल 1964 में उन्होंने चेतन आनंद की फिल्म हकीकत से डेब्यू किया था. हिंदी फीचर फिल्म में अभिनय के लिए नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली संजय की जिंदगी उतार-चढ़ावों से भरी रही है. आइए जानते हैं उनकी जिदंगी के कुछ दिलचस्प और चौंकाने वाले तथ्य.

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28 अक्टूबर को संजय खान ने अपनी ऑटोबायोग्राफी लॉन्च की थी जिसका नाम उन्होंने द बेस्ट मिस्टेक ऑफ माय लाइफ रखा था. इस बायोग्राफी में संजय ने अपनी जिंदगी की कुछ सबसे सीक्रेट बातों को साझा किया. इन्हीं बातों में से एक था उनके साथ हुई आग दुर्घटना का ये किस्सा.

जल गया था 65 प्रतिशत शरीर-

The Sword of Tipu Sultan के सेट पर संजय खान एक आग दुर्घटना का शिकार हो गए थे. इस दुर्घटना में उनका 65 प्रतिशत शरीर झुलस गया था. उन्हें 13 महीने तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा जिसके दौरान उनकी 73 सर्जरियां हुई थीं.

हेलिकॉप्टर दुर्घटना में बच निकले-

आग दुर्घटना के कई साल बाद संजय एक हेलिकॉप्टर क्रैश का भी शिकार हुए. यह क्रैश बेंगलुरू में हुआ था, हालांकि संजय चमत्कारिक रूप से इस दुर्घटना से बच निकले थे.

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राज कपूर से था बहुत करीबी नाता-

संजय खान का एक्टर राज कपूर से करीबी नाता था. संजय राज कपूर के साथ अक्सर वक्त बिताया करते थे और उन्होंने उनके बारे में अपनी किताब में बहुत विस्तार से लिखा है.

देशभक्ति से जुड़ी होती थीं फिल्में-

हकीकत से लेकर टीपू सुल्तान तक उनकी ज्यादातर फिल्में देशभक्ति से जुड़ी होती थीं. वह इस तरह की फिल्मों का खास तौर पर चुनाव किया करते थे और उनकी देशभक्ति इस तरह की फिल्मों में साफ तौर पर नजर आती है. किताब में उन्होंने इसका जिक्र किया है.

घुड़सवारी का था शौक-

संजय को घुड़सवारी का बहुत शौक था. उनका एक पसंदीदा घोड़ा था जिसका नाम उन्होंने प्रिंस खार्तुम रखा था. संजय का यह शौक धीरे-धीरे बढ़ता गया और उन्होंने इसे एक पैशन बना लिया.

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