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शबाना आजमी को गिरिराज सिंह ने बताया- टुकड़े-टुकड़े गैंग की नई नेता

मशहूर फिल्म एक्ट्रेस शबाना आजमी नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधने की वजह से चर्चाओं में हैं. अब शबाना के बयान के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक्ट्रेस को लेकर तीखा बयान दिया है. गिरिराज सिंह ने शबाना आजमी को टुकड़े-टुकड़े और अवॉर्ड वापसी गैंग की नई नेता बताया है.

ग‍िर‍िराज स‍िंह - शबाना आजमी ग‍िर‍िराज स‍िंह - शबाना आजमी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 4:08 PM IST

मशहूर फिल्म एक्ट्रेस शबाना आजमी नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधने की वजह से चर्चाओं में हैं. अब शबाना के बयान के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक्ट्रेस को लेकर तीखा बयान दिया है. गिरिराज सिंह ने शबाना आजमी को टुकड़े-टुकड़े और अवॉर्ड वापसी गैंग की नई नेता बताया है.

गिरिराज सिंह ने आज तक की एक खबर का क्लिप शेयर करते हुए शबाना को टुकड़े-टुकड़े गैंग और अवॉर्ड वापसी गैंग की नई नेता करार दिया.

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बताते चलें कि शनिवार को शबाना को उल्लेखनीय योगदान के लिए इंदौर के आनंदमोहन माथुर चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से 'कुंती माथुर सम्मान' से नवाजा गया था. इसके बाद शबाना ने समारोह को संबोधित किया. कार्यक्रम में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी मौजूद थे. इस दौरान शबाना ने कहा कि माहौल कुछ इस तरह का बनाया जा रहा है कि सरकार की आलोचना करने वाले लोगों को तत्काल राष्ट्रविरोधी कह दिया जाता है.

शबाना ने कहा, "हमारे मुल्क की अच्छाई के लिए जरूरी है कि हम इसकी बुराइयां भी बताएं. अगर हम बुराइयां बताएंगे ही नहीं, तो हालात में सुधार कैसे लाएंगे? लेकिन वातावरण इस तरह का बन रहा है कि अगर आपने खासकर सरकार की आलोचना की तो आपको फौरन राष्ट्रविरोधी कह दिया जाता है. हमें इससे डरना नहीं चाहिए और इनके सर्टिफिकेट की किसी को जरूरत भी नहीं है." शबाना ने कहा, "हम गंगा-जमुनी तहजीब में पले-बढ़े हैं. हमें मौजूदा हालात के आगे घुटने नहीं टेकने चाहिए.'

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सांप्रदायिकता का विरोध करते हुए शबाना आजमी ने कहा, "हिंदुस्तान एक खूबसूरत मुल्क है. लोगों को बांटने की कोशिश इस मुल्क के लिए सही नहीं हो सकती." एक्ट्रेस ने यह भी कहा कि सांप्रदायिक दंगों से सबसे ज्यादा तकलीफ महिलाओं को होती है. दंगों से एक महिला का घर बर्बाद होता है, उसके बच्चे बेघर होते हैं और वे स्कूल नहीं जा पाते. सांप्रदायिकता की सबसे बड़ी शिकार महिलाएं ही बनती हैं.

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