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इस एक्टर ने छोटे-छोटे रोल में भी असरदार एक्टिंग से जीता दिल

शफी इनामदार फिल्म इंडस्ट्री के उन चुनिंदा कलाकारों में से एक रहे हैं जिन्हें भले ही एक हीरो के तौर पर कभी मौका ना मिला हो मगर उन्हें एक शानदार एक्टर के तौर पर जरूर याद किया जाता है

शफी इनामदार शफी इनामदार
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 7:49 AM IST

शफी इनामदार फिल्म इंडस्ट्री के उन चुनिंदा कलाकारों में से एक रहे हैं जिन्हें भले ही एक हीरो के तौर पर कभी मौका ना मिला हो मगर उन्हें एक शानदार एक्टर के तौर पर जरूर याद किया जाता है. उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में करीब दो दशकों तक काम किया. फिल्मों के अलावा वे टीवी इंडस्ट्री में भी सक्रिय रहे.

शफी का जन्म 23 अक्टूबर 1945 को हुआ था. साल 1982 में विजेता फिल्म से उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी. 1983 में आई ब्लॉकबस्टर फिल्म अर्ध सत्या में इंस्पेक्टर हैदर अली का रोल प्ले कर के वे सुर्खियों में आए. उन्होंने कई सारी फिल्मों में पुलिस इंस्पेक्टर का रोल प्ले किया. इसके अलावा उन्होंने कुछ फिल्मों में निगेटिव शेड का रोल भी प्ले किया.

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सपोर्टिव रोल उन्होंने बहुत इमानदारी से निभाए. उनकी एक्टिंग और डायलॉग डिलिवरी इतनी जानदार हुआ करती थी कि छोटे से सीन्स में भी वे लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करवा लेते थे. जुर्म, इज्जतदार, फूल भरे अंगारे, क्रांतिवीर, यशवंत, अकेले हम अकेले तुम जैसी फिल्मों में वे नजर आए. नाना पाटेकर के साथ उन्होंने यशवंत फिल्म में काम किया और यही फिल्म उनके करियर की अंतिम फिल्म साबित हुई.

सिर्फ बड़ा पर्दा ही नहीं बल्कि, छोटे पर्दे पर भी उनकी कलाकारी खूब चली. ये जो है जिंदगी नाम के टीवी प्रोग्राम में उन्होंने लीड रोल प्ले किया. ये प्रोग्राम काफी हिट रहा. इसके अलावा वे गुलजार के सीरियल गालिब में भी एक अहम रोल प्ले करते नजर आए थे. 13 मार्च, 1996 को 50 साल की उम्र में उनका निधन हो गया.

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