
बॉलीवुड में पिछले तीन दशक से खान सितारों की बादशाहत कायम है. लेकिन पिछले एक दशक के दौरान सलमान खान स्टारडम के मामले में सांतवें आसमान पर नजर आते हैं. वहीं कम फिल्मों और सब्जेक्ट्स की वजह से आमिर खान का एक अलग ही वर्ग बन चुका है. जबकि शाहरुख खान पिछले कुछ सालों के दौरान लगातार नीचे की ओर जाते नजर आ रहे हैं.
ये बताने की जरूरत नहीं कि पिछले तीन दशक के दौरान आई बॉलीवुड की ज्यादातर सुपरहिट फिल्में इन्हीं तीनों की हैं. मगर बढ़ती उम्र के साथ सलमान के मुकाबले दूसरे सितारे कमजोर नजर आ रहे हैं. शाहरुख को लंबे समय से एक बड़ी हिट की दरकार है. आनंद एल रॉय के साथ जीरो से उनकी यह कोशिश पूरी होती नजर आ रही थी, पर तमाम प्रयोगों के बावजूद शाहरुख दर्शकों को प्रभावित नहीं कर पाए. उनका सूखा जारी है. तीनों खान सितारे 50 साल की उम्र के पड़ाव को पार कर चुके हैं. देखा जाए तो पिछले दस साल से तीनों खान में सलमान ही सही मायने में इंडस्ट्री के बादशाह नजर आते हैं. खासतौर से पिछले कुछ सालों में शाहरुख की नाकामी और सलमान का लगातार शिखर की ओर बढ़ते रहने में एक बड़ी वजह सामने आती है.
आखिर ऐसा क्या हुआ कि बढ़ती उम्र और समय के साथ शाहरुख, सलमान से पीछे छूटते जा रहे हैं. ऐसी कौन सी चूक हुई जो शाहरुख ऑडियंस की नब्ज पकड़ने में नाकाम साबित हुए? शाहरुख खान ने 1992 में दीवाना से फ़िल्मी करियर शुरुआत की थी. ये शाहरुख की पहली हिट थी. सलमान खान ने 1988 में बीवी हो तो ऐसी से डेब्यू किया था. उन्हें पहली हिट 1989 में मैंने प्यार किया से मिली. दोनों स्टार्स ने कई हिट और फ्लॉप फिल्में दी हैं.
शाहरुख को इंडस्ट्री में मिली सफलता ने उन्हें रोमांस किंग बना दिया है. लेकिन रोमांस किंग की यही इमेज अब शाहरुख के करियर में रोड़ा है. बदलते वक्त के साथ फैंस को कुछ नया चाहिए. शाहरुख का रोमांस आज भी प्रभावी है, लेकिन अब वैसी ऑडियंस नहीं है जो डूबकर उनकी फिल्में देखें. माना भी जाता है कि शाहरुख का ऑडियंस थोड़ा शहरी किस्म का रहा है और शाहरुख सोसायटी के एक ख़ास क्लास को ही अपील करते हैं. जबकि सलमान खान की इमेज भी रोमांटिक हीरो के तौर पर ही थी. पर समय के साथ उन्होंने नए ऑडियंस की तलाश की और खुद को मास सिनेमा के मुताबिक ढाल लिया.
एक दशक पहले सलमान करियर के बेहद मुश्किल दौर में थे. तब उन्होंने वॉन्टेड (2009) की. ये फुल मसालेदार फिल्म काफी हिट रही और सलमान के लिए एक नया ऑडियंस बेस तैयार हुआ. इसके बाद सलमान की दबंग आई. वॉन्टेड के बाद अगर गौर से देखें तो सलमान की फिल्मों का थीम सब्जेक्ट रोमांटिक कभी नहीं रहा है. उनकी फ़िल्में या तो एक्शन पैक्ड रही हैं या फिर उनमें इमोशन, कॉमेडी और फैमिली ड्रामे का जोरदार मसाला रहा है. सलमान की तमाम फिल्में भले ही क्रिटिक्स को पसंद नहीं आईं, लेकिन एक्टर के प्रशंसकों की तादाद लगातार बनी रही या बढ़ती गई.
सलमान ने उम्र के साथ अपनी भूमिकाएं बदल ली हैं. वो हीरो अब भी हैं, लेकिन पर्दे पर एक्ट्रेस से रोमांस करने की बजाय कभी किसी खोई बच्ची को पाकिस्तान पहुंचाते नजर आते हैं तो कभी ऐसे रेसलर के रूप में नजर आते हैं जो अपने नवजात बच्चे की मौत के बाद ब्लड बैंक बनवाने के लिए संघर्ष कर रहा है. सलमान कभी ऐसे जासूस नजर आते हैं जो देश के दुश्मनों को सबक सिखा रहा है, या रॉबिनहुड की तरह जरूरतमंदों की मदद कर रहा है. सलमान का पूरा फोकस ऐसे मनोरंजन पर है जिसका मजा हर उम्र और लिंग का दर्शक ले सके. जबकि शाहरुख की पिछली कुछ फिल्मों को देखकर इन्हीं चीजों की कमी नजर आती है.
जीरो फ्लॉप होने के बाद शाहरुख अभी तक किसी करिश्माई स्क्रिप्ट के इंतजार में हैं. जबकि ईद पर सलमान अपने फैंस का फुल मनोरंजन करने के लिए भारत लेकर आ रहे हैं. भारत के अलावा सलमान की दबंग 3 और इंशाअल्लाह कतार में हैं. सलमान के कुछ और प्रोजेक्ट पाइप लाइन में है. शाहरुख के फैन भी चाहेंगे कि वक्त के साथ किंग खान भी अपने लिए कुछ बदलाव करें ताकि उनकी बादशाहत कायम रहे.