Advertisement

जब शकील बदायूंनी के पास नहीं थे इलाज के पैसे, इस म्यूजिशियन ने की थी मदद

शकील बदायूंनी का जन्म 3 अगस्त, 1916 को उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में हुआ. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पासआउट होने के बाद शकील ने दिल्ली में सप्लाई ऑफिसर के तौर पर नौकरी शुरू की.

मोहम्मद रफी संग शकील बदायूंनी मोहम्मद रफी संग शकील बदायूंनी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 8:23 AM IST

बॉलीवुड इंडस्ट्री का भी अपना साहित्य रहा है. कई सारे गीतकारों ने गाने लिखे और उनके लिखे गानों को जब धुन मिली तो कमाल होता चला गया. कई सारे गीतकार और संगीतकार की बॉलीवुड में शानदार जोड़ियां रही हैं. इन्हीं में से एक जोड़ी शकील बदायूंनी और नौशाद साहब की थी. दोनों ने साथ में कई फिल्मों के लिए सुपरहिट गाने दिए. पर्सनल लाइफ में भी दोनों की दोस्ती गहरी थी.

Advertisement

शकील बदायूंनी का जन्म 3 अगस्त, 1916 को उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में हुआ. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पासआउट होने के बाद शकील ने दिल्ली में सप्लाई ऑफिसर के तौर पर नौकरी शुरू की. मगर 1944 में वे मुंबई आ गए. यहां पर उनकी मुलाकात हुई फिल्म डायरेक्टर-प्रोड्यूसर ए आर करदार से. करदार ने उन्हें नौशाद से मिलाया. इसके बाद शकील बदायुनी ने सफलता की सीढ़ी चढ़नी शुरू की.

दिशा सालियान मौत की हो जांच, सुलझ जाएगी सुशांत केस की गुत्थी- सिमी ग्रेवाल

बिहार डीजीपी की अपील- सामने आएं रिया चक्रवर्ती, वीडियो बनाने से कुछ नहीं होगा

नौशाद ने पहली मुलाकात में शकील से कुछ लिखने को कहा था. शकील ने लिखा हम दर्द का अफसाना, दुनिया को सुना देंगे. हर दिल में मोहब्बत की हम आग लगा देंगे. शकील के इस गीत से नौशाद साहब भी प्रभावित हुए और उन्होंने इसके बाद कई सारी फिल्मों में शकील से गाने लिखवाए. इनमें से साल 1951 की फिल्म दीदार, 1952 की फिल्म बैजू बावरा, साल 1957 की फिल्म मदर इंडिया, 1960 की फिल्म मुग्ल-ए-आजम, साल 1961 में आई गंगा जमुना और साल 1963 में आई फिल्म मेरे मेहबूब शामिल है.

Advertisement

गहरी थी शकील बदायुनी और नौशाद की दोस्ती

नौशाद और शकील की दोस्ती इसी दौरान काफी गहरी हो गई. शुरुआती दिनों की बात है. शकील बदायुनी को टीबी जैसी बीमारी हो गई थी. उनके पास इलाज के लिए उस समय ज्यादा पैसे नहीं थे. ऐसे में दोस्त नौशाद ने उनकी मदद की थी. नौशाद ने उन्हें 3 फिल्मों में काम करने को दिया था और अच्छी खासी फीस भी इसके लिए दी थी. शकील ने भी अपने दोस्त को कभी निराश नहीं किया. नौशाद के अलावा शकील ने हेमंत कुमार और संगीतकार रवि के साथ भी शानदार काम किया. साहेब बीवी और गुलाम चौदवीं का चांद, और बीस साल बाद जैसी फिल्में इसमें शामिल हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement