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गंभीर आवाज में 'बरखुरदार' कहने का वो खास अंदाज भला कौन नहीं पहचानेगा. वह अभिनेता प्राण हैं, जो अपने बेमिसाल अभिनय से हर किरदार में प्राण डाल देते थे. फिर चाहे वह 'उपकार' में अपाहिज का किरदार हो या 'जंजीर' में अक्खड़ पठान का. प्राण ऐसे एक्टर थे जिनका चेहरा हर किरदार को निभाते हुए यह अहसास छोड़ जाता था कि उनके बिना इस किरदार की पहचान मिथ्या है. आज इस मशहूर एक्टर के जन्मदिन पर आइए जानते हैं उनके बारे कुछ दिलचस्प बातें:
1. प्राण का पूरा नाम प्राण कृष्ण सिकंद था और उनका जन्म 12 फरवरी, 1920 को पुरानी दिल्ली के बल्लीमारान इलाके में एक संपन्न परिवार में हुआ था.
2. प्राण बचपन से ही पढ़ाई में काफी होशियार थे. बहुत
कम लोगों को यह बात पता है कि अपने अभिनय से दर्शकों को कायल करने वाले प्राण अभिनेता नहीं, बल्कि एक
फोटोग्राफर बनना चाहते थे. लेकिन भाग्य ने उनके लिए कुछ और ही सोच रखा था. जिसके लिए उन्होंने एक इंस्टिट्यूट भी ज्वाइन किया था.
3. प्राण का वैसे फिल्मों में आना कोई तय नहीं था. हुआ यूं कि एक बार लेखक मोहम्मद वली ने प्राण को एक पान की दुकान पर खड़े देखा, उस समय वह पंजाबी फिल्म 'यमला जट' को बनाने की योजना बना रहे थे. पहली ही नजर में वली ने यह तय कर लिया कि प्राण उनकी फिल्म में काम करेंगे. उन्होंने प्राण को फिल्म में काम करने के लिए राजी किया. फिल्म 1940 में रिलीज हुई और काफी हिट भी रही.
4. इसके बाद प्राण ने कई और पंजाबी फिल्मों में काम किया और लाहौर फिल्म जगत में सफल खलनायक के रूप में नाम कमाया.
5. 1942 में फिल्म निर्माता दलसुख पांचोली ने अपनी हिंदी फिल्म 'खानदान' में प्राण को काम करने का मौका दिया.
6. देश के बंटवारे के बाद प्राण ने लाहौर छोड़ दिया और वे मुंबई आ गए. लाहौर में चाहे प्राण ने काफी नाम कमाया लेकिन उन्हें हिन्दी सिनेमा में पांव जमाने के लिए एक नए कलाकार की तरह संघर्ष करना पड़ा.
7. प्राण को लेखक शहादत हसन मंटो और एक्टर श्याम की सहायता से बॉम्बे टॉकीज की फिल्म 'जिद्दी' में काम मिला.
8. इसके बाद प्राण 'आजाद', 'मधुमती', 'देवदास', 'दिल दिया दर्द लिया', 'राम और श्याम', 'आदमी', 'मुनीमजी', 'अमरदीप', 'जॉनी मेरा नाम', 'वारदात', 'देस परदेस' जैसी फिल्मों में खलनायक के रूप में नजर आए.
9. प्राण को हिन्दी सिनेमा में उनके योगदान के लिए 2001 में भारत सरकार ने पद्म भूषण से
सम्मानित किया और 2013 में उन्हें फिल्म जगत के सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फाल्के सम्मान भी प्रदान किया गया.
10. प्राण 1969 से 1982 के बीच सबसे ज्यादा फीस पाने वाले एक्टर थे, यहां तक की उनकी फिल्मों का मेहनताना
सुपरस्टार राजेश खन्ना से भी ज्यादा हुआ करता था.
11. 'डॉन' फिल्म के लिए जहां अमिताभ बच्चन को 2.5 लाख रुपये फीस मिली थी वहीं प्राण को 5 लाख रुपये फीस के
तौर दिए गए थे.
12. प्राण स्मोकिंग पाइप और वॉकिंग स्टिक इक्ट्ठा करने का शौक रखते थे.
13. प्राण ने पहली शूटिंग के दौरान अपने पिताजी को नहीं बताया था की वह फिल्म में एक्टिंग कर रहे हैं, उन्हें लगता
था की उनके पिताजी गुस्सा हो जाएंगे. यहां तक की जब उनका पहला इंटरव्यू अखबार में छपा तो प्राण ने अपनी
बहनों से वो अखबार छुपा देने तक को कहा. लेकिन बाद में जब उनके पिताजी को पता चला तो वह बिल्कुल गुस्सा नहीं हुए.
14. फिल्म 'जंजीर' में प्राण पर फिल्माया गया गीत 'यारी है ईमान मेरा' उनकी खास अदाकारी के कारण आज भी
एक सदाबहार गाना है. डायरेक्टर प्रकाश मेहरा को फिल्म 'जंजीर' के लिए अमिताभ बच्चन का नाम प्राण ने ही सुझाया
था, जिसने अमिताभ के करियर को नई दिशा दी.
देखें गाना 'यारी है ईमान...'
- इनपुट IANS