
आमिर खान स्टारर फिल्म 3 ईडियट्स देश में ही नहीं, दुनियाभर में बेहद पसंद की गई है. आमिर अभिनीत फिल्म का लीड कैरेक्टर फुनसुख वांग्डू बेहद लोकप्रिय हुआ था. इस किरदार की कहानी रियल कैरेक्टर पर बेस्ड बताई गई. कहा गया कि आमिर ने सोनम वांगचुक का किरदार निभाया है, जो शिक्षाविद्, वैज्ञानिक और इंजीनियर हैं. लेकिन इसकी हकीकत कुछ और है.
हाल ही में वांगचुक दिल्ली में एक कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उनसे फिर वही सवाल पूछा गया जिसका खंडन वे पिछले आठ सालों से कर रहे हैं. वांगचुक से पूछा गया कि क्या 3 इडियट्स में फुनसुख वांग्डू का किरदार उन पर बेस्ड है? जवाब में उन्होंने कहा, ये मेरी बायोपिक नहीं है. ये सिर्फ मुझसे प्रेरित है. लंबे समय से मुझसे ये सवाल पूछा जा रहा है. फुनसुख वांग्डू एक रियल कैरेक्टर है. बता दें कि कि शुरू में आमिर से भी ये सवाल पूछा जाता था, लेकिन उन्होंने कभी इसे सोनम वांगचुक की बायोपिक नहीं कहा.'
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इस कार्यक्रम में सोनम वांगचुक ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि इस समय आविष्कार नहीं हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि न चमत्कार हो रहे हैं और न अविष्कार, क्योंकि ये सब तो हमारी फिल्मों में होता है. लोग समझते हैं कि जब ये सब हमारा हीरो कर रहा है तो हमें क्या जरूरत. हमारा हीरो सब कुछ कर लेगा.
नवंबर 2016 में सोनम वांगचुक को रोलेक्स अवॉर्ड के लिए चुना गया था. सोनम ऐसे बच्चों और युवाओं को मौका देने के लिए चर्चित हैं जिन्हें तमाम प्रतिभाओं के बावजूद मौके नहीं मिल पाते. वे दूसरों के सपनों पर काम करने का काम करते हैं.
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वे नए बच्चों और युवाओं के साथ करते हैं काम...
सोनम खुद एक इंजीनियर हैं और लद्दाख के इलाकों में पिछले 20 वर्षों से कार्यरत हैं. वे स्टूडेंट एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SEMCOL) के नाम से मूवमेंट चला रहे हैं. हो सकता है कि आपको अब आमिर के फुनसुख वांगड़ू नाम रखे जाने की वजह समझ आ गई हो.जम्मू कश्मीर के पाठ्यक्रम में ला रहे हैं सकारात्मक बदलाव...
सोनम का मानना है कि असल बदलाव के लिए स्कूल के पाठ्यक्रमों में बदलाव की आवश्यकता है. इसके अलावा वे सिस्टम से नकार दिए गए स्टूडेंट्स को अपने यहां जगह देते हैं. उन्होंने ऐसे लगभग 1000 स्टूडेंट्स (युवाओं) को एक प्लेटफॉर्म पर लाने का काम किया है. वह उन्हें वॉलंटियर बनाकर स्वयं काम करने के लिए प्रेरित करते हैं. उन्होंने इस मकाम को पाने के लिए भारी मुश्किलों का सामना किया है.