Advertisement

मां के सुनाए एक शेर ने जगदीप को कभी हारने नहीं दिया, क्या थी वो सीख?

जगदीप ने कहा था कि मैंने जिंदगी से बहुत कुछ सीखा है. मेरी मां ने मुझे समझाया था. एक बार बॉम्बे में बहुत तेज तूफान आया था. सब खंभे गिर गए थे. हमें अंधेरी से जाना था. उस तूफान में हम चले जा रहे थे.

जगदीप जगदीप
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 8:18 AM IST

दिग्गज एक्टर जगदीप अब हमारे बीच नहीं रहे. जगदीप का बुधवार रात उनके घर पर निधन हो गया. उनकी उम्र 81 साल थी. जगदीप ने अपनी जिंदगी में बहुत मुश्किलों का सामना किया लेकिन कभी हार नहीं मानी, वो बस चलते चले गए. एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी मां के द्वारा कहे गए शेर का जिक्र किया था और बताया था कि कैसे उस शेर ने उन्हें कभी हारने नहीं दिया.

Advertisement

मां के एक शेर ने सारी जिंदगी दी हिम्मत

जगदीप ने कहा था-''मैंने जिंदगी से बहुत कुछ सीखा है. मेरी मां ने मुझे समझाया था. एक बार बॉम्बे में बहुत तेज तूफान आया था. सब खंभे गिर गए थे. हमें अंधेरी से जाना था. उस तूफान में हम चले जा रहे थे. एक टीन का पतरा आकर गिरा और मेरी मां के पैर में चोट लगी.'

जगदीप के निधन से दुखी बॉलीवुड सितारे, अजय देवगन ने किया ये ट्वीट

कैसे सैय्यद इश्तियाक अहमद जाफरी से हिंदी सिनेमा के सूरमा भोपाली बने जगदीप

'बहुत खून निकल रहा था. ये देख मैं रोने लगा. तो मेरी मां तुरंत अपनी साड़ी फाड़ी और उसे बांध दिया. तूफान चल रहा था. तो मैंने कहा कि यहीं रुक जाते हैं, ऐसे में कहां जाएंगे. तो उन्होंने एक शेर पढ़ा था. उन्होंने कहा था- 'वो मंजिल क्या जो आसानी से तय हो वो राह ही क्या जो थककर बैठ जाए.'पूरी जिंदगी मुझे ये ही शेर समझ में आता रहा कि वो राह ही क्या जो थककर बैठ जाए. तो अपने एक-एक कदम को एक मंजिल समझ लेना चाहिए. छलांग नहीं लगानी चाहिए, गिर जाओगे.'

Advertisement

मालूम हो कि जगदीप अपनी कॉमिक टाइमिंग के लिए जाने जाते थे और एक दौर में उनकी लोकप्रियता चरम पर थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement