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पद्मावत: निर्माताओं ने लगाया लंबा-चौड़ा डिस्क्लेमर, लोगों ने बताया- वाहियात

विवादित फिल्म पद्मावत के निर्माताओं ने फिल्म की नई रिलीज डेट के साथ हाल ही में इसका नया पोस्टर भी जारी किया था. सोशल मीडिया में इस पर काफी चर्चा हो रही है.

पद्मावत के पोस्टर को जारी कर लोग डे रहे हैं प्रतिक्रियाएं (फोटो ट्विटर से) पद्मावत के पोस्टर को जारी कर लोग डे रहे हैं प्रतिक्रियाएं (फोटो ट्विटर से)
अनुज कुमार शुक्ला
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  • 16 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 2:55 PM IST

विवादित फिल्म पद्मावत के निर्माताओं ने फिल्म की नई रिलीज डेट के साथ हाल ही में इसका नया पोस्टर भी जारी किया था. सोशल मीडिया में इस पर काफी चर्चा हो रही है. दरअसल, फिल्म का पोस्टर सेंसर के सुझाए बदलाव के बाद जारी हुआ है. इसमें तमाम बिंदुओं पर गलतफहमी दूर करने की कोशिश नजर आती है. नए पोस्टर के डिस्क्लेमर में साफ़ किया गया कि इसमें किसी की भावनाओं को आहत नहीं किया गया है. ट्विटर यूजर्स इसपर मजेदार प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.

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पोस्टर पर डिस्क्लेमर में क्या है?

फिल्म के पोस्टर में बताया गया है कि ये मलिक मोहम्मद जायसी के महाकाव्य 'पद्मावत' पर आधारित है, और पूरी तरह से काल्पनिक है. फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के बीच कोई सीन नहीं है. फिल्म में समृद्ध-गौरवशाली राजपूत विरासत को दिखाया गया है. इसमें रानी पद्मावती की छवि के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है.

यह भी बताया गया है कि इसमें में पांच संशोधन किए गए हैं. (रिव्यू कमेटी की सुझाव पर सेंसर एन निर्माताओं को पांच बदलाव सुझाए थे.). सेंसर ने इसे यUA सार्टिफिकेट दिया है. निर्माताओं ने बताया फिल्म में और कोई कट नहीं है इसी के साथ सरकार, सीबीएफसी और फिल्म प्रशंसकों के समर्थन के लिए हम आभारी हैं.

सोशल मीडिया में ऐसे मिले रिएक्शन

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दूसरी तरफ निर्माताओं के डिस्क्लेमर पर सोशल मीडिया में अलग तरह से रिएक्शन दे रहे हैं. कुछ ने तो फिल्म की रिलीज से पहले निर्माताओं के इस कदम को बेहद वाहियात करार दिया है. लोगों की मानें तो इस तरह डिस्क्लेमर जारी करना निर्माताओं का करणी सेना जैसे संगठनों के सामने झुक जाना है. कुछ लोगों के मुताबिक़ निर्माताओं को ऐसे झुकना नहीं चाहिए था. उन्हें हिम्मत दिखानी चाहिए थी. हालांकि कई लोग फिल्म के लिए निर्माताओं की सराहना भी कर रहे हैं. फिल्म इंडस्ट्री के लोगों ने प्रशंसा की है.

डिस्क्लेमर पर किस तरह से मिल रही हैं प्रतिक्रियाएं

एक प्रशंसक नें लिखा, ये फिल्म से पहले सिगरेट पीने की मनाही को लेकर जारी किए वैधानिक चेतावनी जैसा है. हमारे देश में आर्ट के लिए कोई जगह नहीं है.

एक प्रशंसक ने फोटो लगाते हुए कहा कि आपने तो एक फिक्शनल कहानी के स्पष्टीकरण में पूरे एक पेज का एड ही जारी कर दिया.एक दूसरे शख्स ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ये सीबीएफसी को चिढ़ाने का चरम है.एक शख्स ने दुख जताया कि ये एक महान देश बिल्कुल नहीं है और अगर हमारा चाल-चलन ऐसे ही रहा तो ये देश कभी महान बन भी नहीं पाएगा.

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