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भारतीय सेना के जज्बे और जुनून को बयां करते वो विज्ञापन जिन्हें देख इमोशनल हो उठेंगे आप

The best advertisments on Indian army बॉलीवुड में इंडियन आर्मी की विलक्षण परिस्थितियों को रुपहले पर्दे पर दिखाया गया है. कई विज्ञापन ऐसे हैं जिनमें सैनिकों के देश के प्रति समर्पण और जुनून को दिखाने की कोशिश की गई है.

पारले जी विज्ञापन यूट्यूब स्क्रीनशॉट पारले जी विज्ञापन यूट्यूब स्क्रीनशॉट
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 8:10 AM IST

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए हमले के बाद से ही देशभर में रोष, आक्रोश, शोक और गुस्से की लहर है. केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के अधिकतर जवान छुट्टियां बिताने के बाद ड्यूटी पर लौट रहे थे और उनके साथ ये त्रासद और भयानक घटना हुई. भारतीय सेना को अपने जज्बे और कठिन हालातों में अपनी ड्यूटी निभाने के चलते देशवासियों का समर्थन मिलता रहा है. बॉलीवुड में इंडियन आर्मी की विलक्षण परिस्थितियों को रुपहले पर्दे पर दिखाया गया है इसके अलावा कई विज्ञापन ऐसे भी हैं जिनमें सैनिकों के देश के प्रति समर्पण और जुनून को दिखाने की कोशिश की गई है. हालांकि इन विज्ञापनों पर कई बार सेना का सहारा लेकर कमर्शियलाइज़ेशन के आरोप भी लगे हैं. लेकिन ये भी सच है कि इन विज्ञापनों के सहारे भारतीय जवानों की करिश्माई ज़िंदगी से भी देश का एक बड़ा तबका रुबरु हो पाता है.  

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'विज्ञापनों को जानकारी जैसा नहीं लगना चाहिए बल्कि उन्हें एक भरोसेमंद वायदे की तरह प्रतीत होना चाहिए.' इसी स्टेटमेंट की तर्ज पर पेश है ऐसे ही कुछ ऐसे एड जिनमें भारतीय सेना के विभिन्न रंग हमें देखने को मिलते हैं.    

1. फॉर्चून के इस विज्ञापन में अक्षय कुमार फौजियों के साथ वक्त बिताते हुए देखे जा सकते हैं. बातचीत से साफ जाहिर होता है कि ज्यादातर जवान घर के खाने को काफी मिस करते हैं. अक्षय उर्फ राजीव भाटिया इन सभी जवानों के लिए खाना बनाते हैं. वो ये भी कहते हैं कि एक्टर बनने से पहले उन्होंने काफी रोटियां बेली हैं. दरअसल एक्टर बनने से पहले अक्षय ने शेफ के तौर पर भी काम किया है. 

2. इसे भारतीय सेना पर बने सबसे बेहतरीन विज्ञापन में शुमार किया जा सकता है. इस एड के सहारे कोका कोला ने भारतीय सेना को ट्रिब्यूट दिया है. जैसलेमर की चिलचिलाती गर्मी हो या कश्मीर की कंपा देने वाली ठंड, एक सैनिक कभी अपनी ड्यूटी से नहीं घबराता. इसी थीम पर केरल का एक जवान कश्मीर से होते हुए जैसलमेर पहुंचता है. वहां वो अपने साथी की शहादत का संदेशा लेकर उसके परिवार के पास पहुंचता है और इसके बाद अपने घर की तरफ निकल पड़ता है. हालांकि कुछ ही देर में उसे देश की रक्षा के लिए वापस जाना पड़ता है.  केरल, कश्मीर और जैसलमेर के अद्भुत शॉट्स इस विज्ञापन की सिनेमैटिक अपील को बढ़ा देते हैं और बैकग्राउंड में गिटार की ट्यून पर चलता 'सारे जहां से अच्छा'  किसी भी इंसान को इमोशनल करने का माद्दा रखता है.   

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3. ह्यूंडई सैंट्रो के इस विज्ञापन को काफी इमोशनल टच दिया गया है और ये काफी लोकप्रिय विज्ञापन भी है. विज्ञापन में 'रंग दे बसंती' फेम एक्टर अतुल कुलकर्णी एक आर्मी ऑफिसर की भूमिका में नज़र आए. वे अपने जूनियर्स को बताते हैं कि उन्हें करगिल में तुरंत रिपोर्ट करना था लेकिन बीच रास्ते में ट्रेन का इंजन फेल हो जाता है तो वे पैदल ही निकल पड़ते है. हालांकि एक सैंट्रो कार चालक उनसे मिलता है और अपना इंटरव्यू छोड़कर आर्मी जवान को समय पर पहुंचाता है.  इस विज्ञापन का सार यही था - 'जो देश की ड्यूटी पर जा रहा हो, उसकी ड्यूटी सबसे पहले करो.'

4. सेना के जवान न केवल अपने लिए जिम्मेदारी निभाते हैं बल्कि वे देश के करोड़ों लोगों के लिए भी जिम्मेदार होते हैं. सैनिकों का खून-पसीना देश के निर्माण में लगा होता है. सैनिकों का यही जज्बा सालों से हमारे देश की रक्षा कर रहा है. उनके इसी समर्पण को बयां करता है ये एनर्जी ड्रिंक विज्ञापन.

5. इस बेहद इमोशनल एड में भारतीय आर्मी के परिवारों के बारे में बात की गई है. जहां त्योहारों के मौके पर आम इंसान अपने परिवारों के साथ इन्हें सेलेब्रेट कर रहा होता है वहीं भारतीय जवान बॉर्डर पर अपनी ड्यूटी को सेलेब्रेट कर रहे होते हैं. भारतीय सेना के परिवारों की स्थिति कितनी असमंजस भरी होती है, ये उस बयान से साफ हो जाता है जब एक महिला कहती हैं कि कभी कभी तो लगता है कि उनका फोन रिंग ही ना हो. साफ है, सरहद पर सैनिक जितनी दुर्गम ज़िंदगियां जी रहे होते हैं उतनी ही मुश्किल स्थितियों से उनके परिवारों को भी दो-चार होना पड़ता है.

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6. एक्शन से भरपूर इस विज्ञापन में सेना के कुछ जवान भारी बारिश और जलप्रलय के बीच कुछ बच्चों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. तभी वहां मौजूद एक औरत एक शख़्स से मदद मांगती है जो बजाज की बाइक पर सवार है. विज्ञापन भले ही बजाज बाइक का हो लेकिन ये एड देखकर एक बार फिर साफ हो जाता है कि भयानक आपदा की स्थिति में सरकार और देश सबसे पहले सेना की तरफ ही देखता है.

7. फॉर्चून के इस विज्ञापन में मांओं और उनके फौजी बच्चों का मिलन देखने को मिलता है. बॉर्डर पर तैनात इन बच्चों से मिलने को तरसती मांएं जब अपने बच्चों के लिए फेवरेट डिश तैयार करती हैं और अपने बच्चों से मिलती हैं तो उनके चेहरों पर खुशी देखने लायक होती है.

8.  भारतीय आर्मी की शारीरिक और मानसिक ताकत का वर्णन करते इस विज्ञापन में दिखाया गया है कि कैसे महत्वपूर्ण ऑपरेशन्स के दौरान सैनिक और जवान उहापोह और उधेड़बुन की स्थिति में होते हैं और वे कैसे इस स्थिति से पार पाते हैं. हर सामान्य इंसान की तरह उन्हें भी अपने घर-बार और परिवार की याद सताती है लेकिन वतन के लिए अपनी ज़िंदगी को पूरी तरह समर्पित कर चुके इन जवानों के लिए सिर्फ देश ही उनका परिवार हो चुका होता है.

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9. 'देश की सरहद से घर की दहलीज तक जाने कितने मौसम गुज़र जाते हैं' एक जवान जब अरसे बाद देश की सेवा करने के बाद अपने घर पहुंचता है तो उसके परिवार में कितनी ही चीज़ें बदल चुकी होती हैं. पारले जी का ये विज्ञापन परिवार के साथ महत्वपूर्ण मौकों पर न उपलब्ध रहने की उसी कसक को बयां करता है. सेना के किसी जवान और उसके परिवार की मनोस्थिति कितनी जटिल होती है, ये भी इस एड से समझा जा सकता है. पारले जी ने इस विज्ञापन को गणतंत्र दिवस के दिन रिलीज़ कर इसे भारतीय सेना को डेडिकेट किया था.

10. सेना के एक जवान की बस छूट जाती है और एक शख़्स अपनी बाइक को बस के सामने लगा देता है जिससे बस रुक जाती है. ये शख़्स आर्मी के इस जवान को सैल्यूट मारता है और बस में बैठे लोग भी उसे सैल्यूट करते हैं. हीरो कंपनी के इस विज्ञापन के सहारे देश की सुरक्षा में लगे लाखों सैनिकों को एक ट्रिब्यूट देने की कोशिश की गई है.

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11.  ये विज्ञापन भारतीय सेना की उपलब्धियों और उनकी असाधारण लाइफस्टायल को बयां करता है. इंडियन आर्मी इस विज्ञापन के सहारे भारत के तमाम युवाओं को सेना में भर्ती के लिए आकर्षित करने के लिए भी इस्तेमाल करता रहा है. इस विज्ञापन का संदेश है - एक साधारण ज़िंदगी से इतर एक हैरतअंगेज़ और एडवेंचर से भरी ज़िंदगी का हिस्सा बनें.

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