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सीटें खाली न दिखें इसलिए ऑस्कर सेरेमनी में भाड़े पर आते हैं कई लोग, जानिए दिलचस्प किस्सा

The concept of seat fillers in Oscars सीट फिलर का कॉन्सेप्ट काफी दिलचस्प है और हर साल सैंकडों लोगों को ये भूमिका निभाने का मौका मिलता है.

ऑस्कर सेरेमनी में एक सीट फिलर ऑस्कर सेरेमनी में एक सीट फिलर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 8:18 AM IST

साल 2015 में आयोजित ऑस्कर अवॉर्ड्स के दौरान एक्टर नील पैट्रिक हैरिस एक 'सीट फिलर' के साथ बात करते हुए नज़र आए थे. सीट फिलर यानी एक ऐसा शख़्स जो ऑस्कर अवॉर्ड्स के दौरान सेलेब्रिटी एक्टर की सीट पर उस दौरान बैठा होता है जब ये एक्टर्स अवॉर्ड्स लेने स्टेज पर जा रहे होते हैं या अवॉर्ड्स होस्ट कर रहे होते हैं.  इन अवॉर्ड्स शो के प्रोड्यूसर्स के पास निर्देश होते हैं कि जब कैमरा ऑडियन्स की तरफ जा रहा हो तो कोई भी सीट खाली न दिखे.

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यही कारण है कि कुछ मिनटों के लिए अपना अवार्ड लेने पहुंचे एक्टर की सीट पर कोई न कोई आम शख्स बैठा मिलता है और जैसे ही ये एक्टर अपनी स्पीच खत्म कर वापस पहुंचता है, उन्हें उनकी सीट वापस मिल जाती है.  हालांकि, सीट फिलर बनने के कुछ नियम कानून भी है. आमतौर पर सीट फिलर वो लोग होते हैं जिनका अकेडमी अवॉर्ड्स में कोई कनेक्शन होता है. अगर कोई शख्स अकेडमी में काम कर रहा होता है या फिर वोट गिनने वाली कंपनी प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स के साथ संबंधित होता है तो इन कनेक्शन के सहारे सीट फिलर की भूमिका मिल सकती हैं.

हालांकि किसी एक्टर की सीट पर बैठने के दौरान ये लोग बाकी एक्टर्स के साथ बात नहीं कर सकते हैं. साथ बैठे एक्टर अगर उनसे बात करना चाहें तो वे बात जारी रख सकते हैं. वे कैमरे का ध्यान आकर्षित करने के लिए कोई कदम नहीं उठा सकते हैं. ड्रेस कोड का सख्ती से पालन करना होता है. इस भूमिका के लिए उन्हें कोई पेमेंट नहीं मिलती है. अगर एक्टर स्टेज से वापस ना आए तो उन्हें वहां तब तक बैठे रहना होता है जब तक शो खत्म नहीं हो जाता. नियमों का पालन करने पर सिक्योरिटी फौरन बाहर का रास्ता दिखा सकती है.

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सीट फिलर का कॉन्सेप्ट काफी दिलचस्प है और हर साल सैंकडों लोगों को ये भूमिका निभाने का मौका मिलता है. कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें कई बार ये भूमिका निभाने का मौका मिला है. अपने फेवरेट सुपरस्टार्स के साथ कुछ समय बिताना फिर चाहे वो कुछ ही मिनटों के लिए ही क्यों न हो, कई लोगों के लिए स्वप्न सरीखा अनुभव होता है.

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