Advertisement

इस संगीतकार ने लता मंगेशकर से कभी नहीं गवाया गाना

ओपी नैयर भारतीय संगीत जगत में सबसे सफल संगीतकारों में से से एक माने जाते हैं. कई सारे युवा संगीतकार आज भी उनको अपना रोल मॉडल मानते हैं. उनकी छवि बॉलीवुड में बेहद अनुशासित संगीतकार के रूप में की जाती थी. वो ऐसे संगीतकार थे जिन्हें अपने काम में हस्तक्षेप बिलकुल पसंद नहीं था. उनका परिवारिक जीवन बॉलीवुड करियर की तरह सक्सेसफुल नहीं रहा. उनके जन्मदिवस पर आइये जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ रोचक बातें.

ओपी नैयर (फ़ाइल फोटो) ओपी नैयर (फ़ाइल फोटो)
अनुज कुमार शुक्ला
  • ,
  • 16 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 1:24 PM IST

ओपी नैयर भारतीय संगीत जगत में सबसे सफल संगीतकारों में से से एक माने जाते हैं. कई सारे युवा संगीतकार आज भी उनको अपना रोल मॉडल मानते हैं. उनकी छवि बॉलीवुड में बेहद अनुशासित संगीतकार के रूप में की जाती थी. वो ऐसे संगीतकार थे जिन्हें अपने काम में हस्तक्षेप बिलकुल पसंद नहीं था. उनका परिवारिक जीवन बॉलीवुड करियर की तरह सक्सेसफुल नहीं रहा. ओपी नैयर का जन्म आज ही के दिन यानी 16 जनवरी 1926 को लाहौर में हुआ था. उनके जन्मदिवस मौके पर आइये जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ रोचक बातें.

Advertisement

1- शमशाद बेगम के साथ उनकी जोड़ी सबसे सफल रही. जितने भी गाने उन्होंने शमशाद बेगम से गवाए, सभी सुपरहिट साबित हुए. उनका असर इतना ज्यादा था कि आज तक भी ये गाने लोगों के जेहन में ताजा हैं.

2- उनमें से कभी आर कभी पार, ले के पहला पहला प्यार, कजरा मोहब्बत वाला, कहीं पे निगाहें कही पे निशाना प्रमुख हैं.

3- ओपी नैयर एकमात्र ऐसे संगीतकार थे जिनके लिए लता मंगेशकर ने कोई भी गाना नहीं गाया. नैयर के हिसाब से लता की आवाज उनके द्वारा रचित संगीत के लिए उपयुक्त नहीं थी. ये उस समय की बात है जब हर छोटे से बड़ा संगीतकार लता को अपने संगीत के लिए सफलता की गारंटी मानते थे.

होमियोपैथी के गहरे जानकार थे ओ पी नैयर

4- नैयर साहब कभी भी बड़े स्टार और उनके जलवे से प्रभावित होकर अपने संगीत के लिए नहीं चुनते थे. उन्होंने उस समय के बेहतरीन एक्टर राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, संजीव कुमार शशि कपूर और धर्मेंद्र के लिए कभी गानों के लिए संगीत नहीं दिया, बावजूद उनके गाने सुपरहिट रहे.

Advertisement

5- अभिनेत्रियों की बात करें तो उन्होंने उस समय की मशहूर एक्ट्रेस जीनत अमान, हेमा मालनी और राखी के लिए भी कभी कोई संगीत नहीं दिया.

6- कहा जाता है कि उन्होंने अपने संगीत निर्देशन में तांगे की आवाज को बहुत अच्छी तरह से इस्तेमाल किया और ये आगे जाकर उनके संगीत का सिग्नेचर मार्क भी बन गया.

7- अपने रूखे स्वभाव के आगे वो किसी शख्सियत को कुछ नहीं समझते थे. ऐसा ही एक बार उन्होंने सम्मानित गायक मोहम्मद रफी के साथ भी किया. सिर्फ देर से आने की वजह से उन्होंने रफी की जगह गाना गवाने के लिये दूसरे गायक को चुन लिया.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement