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क्या हुआ जब 'उरी' में पर्दे पर हुई राजनाथ और मोदी की एंट्री?

Uri The Surgical Strike विकी कौशल और यामी गौतम अभिनीत फिल्म उरी- द सर्जिकल स्ट्राइक बॉक्स ऑफिस पर झंडे गाड़ रही है. द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर और उरी में चल रही रेस में इस फिल्म ने बाजी मार ली है. फिल्म में शामिल कई नेताओं के किरदारों को दर्शकों ने काफी पसंद किया है.

उरी द सर्जिकल स्ट्राइक में परेश रावल उरी द सर्जिकल स्ट्राइक में परेश रावल
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 1:44 PM IST

चुनावी साल 2019 की शुरुआत बॉलीवुड में भी धमाकेदार रही. पहले ही हफ्ते में दो ऐसी फिल्में आईं जिसने बॉक्स ऑफिस से ज्यादा राजनीति के गलियारों में चर्चा बटोरीं. पहली द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर और दूसरी उरी- द सर्जिकल स्ट्राइक. इनमें से उरी फिल्म की बात करें तो ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर झंडे गाड़ रही है. फिल्म में सभी कलाकारों के काम की तारीफ हो रही है और फिल्म में जिस देशभक्ति के जोश को दिखाया गया है उसे दर्शकों ने भी सराहा है. इससे इतर इस फिल्म में एक और ऐसी चीज हैं जिसने फिल्म थियेटर में लोगों का ध्यान खींचा. वो है फिल्म में नेताओं का रोल.

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2016 में उरी हमले के बाद पाकिस्तान के घर में घुसकर की गई सर्जिकल स्ट्राइक पर बनी फिल्म पूरे ऑपरेशन की प्रक्रिया को बताती है. जाहिर है कि इसमें सरकार का निर्णय भी अहम था, इसलिए फिल्म में भी कई नेताओं को दिखाया गया है. फिल्म में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर (तत्कालीन), वित्त मंत्री अरुण जेटली के चरितार्थों को दिखाया गया है.

फिल्म के दौरान जैसे ही नेताओं के किरदार की एंट्री होती है, तो दर्शकों का जोश देखते ही बनता है. हर एंट्री पर थियेटर का माहौल सीटियों और तालियों से गूंजता है. लेकिन फिल्म में किस नेता का किरदार कैसा दिखाया गया है. यहां पढ़ें...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: फिल्म में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का किरदार रजित कपूर ने निभाया है. उनकी एंट्री जैसे ही फिल्म में होती है तो दर्शक थियेटर में मोदी-मोदी के नारे लगाने लगते हैं और सीटियों के साथ किरदार का स्वागत होता है.

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प्रधानमंत्री के किरदार को पूरी फिल्म में गंभीर दिखाया गया है, जो कम बोल रहा है लेकिन जब भी बोल रहा है तो निर्णायक शब्दों में अपनी बात कह रहा है. इस किरदार का सबसे अहम सीन तब आता है जब फिल्म में सर्जिकल स्ट्राइक की सफलता कन्फर्म होती है तो राहत की सांस भरते प्रधानमंत्री को देख थियेटर में बैठी जनता ‘’56 इंच’’ के नारे लगाना शुरू कर देती है.

NSA अजित डोभाल: फिल्म का सबसे अहम किरदार परेश रावल ने निभाया है, NSA अजित डोभाल का रोल. फिल्म की शुरुआत म्यांमार बॉर्डर के पास हुई सर्जिकल स्ट्राइक की सफलता से होती है, जहां से अजित डोभाल के माइंडगेम को दिखाया गया है. ये किरदार पूरी तरह से दिमागी कसरत से भरपूर है, जो कठिन फैसले लेने से नहीं डर रहा है और सेना के जवानों को पूरा भरोसा दे रहा है.

2015 से 2016 के बीच बढ़ते आतंकी हमलों के दौरान अजित डोभाल का परेशान होना और उसके जवाब में नई तैयारी करना दर्शकों को काफी भाया. इस किरदार ने भी दर्शकों को खूब हंसाया, जब अपनी हर फोन कॉल के बाद परेश रावल अपना फोन तोड़ते हुए नजर आए. और उनके सहयोगी ने तुरंत नया फोन दिया, यहां लोग हूटिंग करते दिखे. अजित डोभाल के किरदार को गोविंद भारद्वाज का नाम दिया हुआ है. (दर्शक द्वारा ट्वीट की गई तस्वीर)

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रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर: सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान देश के रक्षा मंत्री रहे मनोहर पर्रिकर के किरदार को योगेश सोमेन ने निभाया है जो हूबहू उनके जैसे ही दिखते हैं. उनका किरदार सिर्फ मीडिया से मुखातिब होता हुआ, बैठकों में हिस्सा लेते हुआ ही नजर आया. अधिकतर समय में निर्णायक फैसले NSA-PM के किरदारों ने ही लिए. ऐसे में लुक के मामले में ये किरदार लोगों को पसंद आया.

गृहमंत्री राजनाथ सिंह: उरी हमले के बाद प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में जब ये पूछा गया कि पाकिस्तान को किस प्रकार कड़ा जवाब दें. सभी अपने-अपने विचार रख रहे थे, लेकिन जब राजनाथ का जवाब आया तो थियेटर ठहाकों से गूंज उठा. दरअसल, जवाब था कि हम पाकिस्तान में जाने वाले पानी को रोक देते हैं, इससे LoC के पास उन्हें दिक्कत होगी और घुसपैठ पर रोक लग जाएगी. इतना कहने भर की देरी थी कि थियेटर में बैठे लोगों ने सीटियां और तालियां बजाना शुरू कर दिया. और दर्शकों में हर हमले पर किए जाने वाली कड़ी निंदा के बारे में बातचीत शुरू हुई.

इसके अलावा भी कुछ नेताओं, अधिकारियों और सेना के अफसरों के किरदारों को बेहद बाखूबी से निभाया गया है, जो दर्शकों को काफी पसंद आया. फिल्म देखते वक्त आपको भारत-पाकिस्तान के मैच की फीलिंग भी आएगी, जहां हर चौके-छक्के पर तालियां और सीटियां बजती हैं. बस यहां अंतर इतना है कि थियेटर में हर आतंकी के मारे जाने पर सीटियां बजती हैं और समय-समय पर भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे भी थियेटर में गूंजते हैं. 

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अंत में...

How's The Josh?

High Sir...!

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