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जम्मू-कश्मीर में हैं बीमार सास-ससुर, उर्मिला ने कहा- 22 दिनों से नहीं मिली खबर, चिंता

लोकसभा चुनाव से पहले एक्ट्रेस से पॉलिट‍िश‍ियन बनीं उर्मिला मातोंडकर जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने से हो रही परेशानी के कारण केंद्र सरकार से बेहद खफा हैं.

उर्मिला मातोंडकर अपने पति के साथ उर्मिला मातोंडकर अपने पति के साथ
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 1:01 PM IST

लोकसभा चुनाव से पहले एक्ट्रेस से पॉलिट‍िश‍ियन बनीं उर्मिला मातोंडकर जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने से हो रही परेशानी के कारण केंद्र सरकार से खफा हैं. हाल ही में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ने वाली एक्ट्रेस ने कहा कि वहां फोन और इंटरनेट सेवाएं बंद होने की वजह से पिछले 22 दिनों से वे लोग जम्मू-कश्मीर में घरवालों से बात नहीं कर पाए हैं.

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उर्मिला ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के तरीके को अमानवीय बताया. एक्ट्रेस ने कहा, "सवाल ये नहीं है कि अनुच्छेद 370 हटाया गया, लेकिन इसे अमानवीय तरीके से अंजाम दिया गया." अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में कम्युनिकेशन ब्लैकआउट की वजह से कई लोग अपने घरवालों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं.

उर्मिला ने बताया कि उनके सास-ससुर दोनों शारीरिक तौर पर फिट नहीं हैं. एक्ट्रेस ने कहा, "मेरे सास-ससुर दोनों डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं. 22 दिनों से ना मैंने ना मेरे पति ने उनसे बात की है. हमें कोई क्लू नहीं कि उनके पास दवाई है भी या नहीं."

बता दें कि उर्मिला ने 2016 में जम्मू-कश्मीर के एक्टर-मॉडल और बिजनेसमैन मोहसिन अख्तर मीर से शादी की थी.

बताते चलें कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने आर्टिकल 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिलने वाली रियायतों को हटा दिया था. राज्य के दो हिस्से करने की घोषणा की और दोनों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था. इस घोषणा के साथ सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर जम्मू और कश्मीर में फोन और इंटरनेट सेवाओं पर कुछ समय के लिए बैन भी लगा दिया था.

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हालांकि जम्मू-कश्मीर के सूचना जनसंपर्क विभाग की डायरेक्टर के मुताबिक राज्य में अब हालात बेहतर हैं और कई टेलीफोन एक्सचेंज खोले गए हैं. लैंडलाइन सेवाएं भी धीरे-धीरे बहाल की जा रही हैं.

जम्मू-कश्मीर प्रशासन का कहना है कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है. प्रशासन ने बताया कि 20 जुलाई से 23 अगस्त के बीच 32 करोड़ रुपये की दवाइयां राज्य को भेजी गई हैं.

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