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दीपिका पादुकोण के JNU प्रोटेस्ट में जाने से छपाक के कलेक्शन पर कैसे पड़ेगा असर?

दीपिका पादुकोण के जेएनयू में 10 मिनट के साइलेंट प्रोटेस्ट ने उनकी फिल्म छपाक को ट्रेंड में ला दिया है. सवाल ये है कि क्या वाकई दीपिका ने जेएनयू में केवल पब्लिसिटी के लिए एंट्री की थी?

दीपिका पादुकोण दीपिका पादुकोण
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 08 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 9:28 AM IST

जेएनयू हिंसा और सीएए-एनआरसी जैसे मुद्दों के बीच बॉलीवुड के कई सितारे प्रोटेस्ट करते नजर आए. अब दीपिका पादुकोण के जेएनयू में 10 मिनट के साइलेंट प्रोटेस्ट ने उनकी फिल्म छपाक को सोशल मीडिया पर टॉप ट्रेंड में ला दिया है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या वाकई दीपिका पादुकोण ने जेएनयू में केवल पब्लिसिटी के लिए एंट्री की थी?

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अगर ऐसा है तो भी कई फिल्मी पंडितों का मानना है कि उन्होंने काफी हिम्मत का काम किया है क्योंकि दीपिका के इस कदम के बाद कुछ खास विचारधारा वाले लोग उनकी फिल्म को बॉयकॉट करने की मांग कर सकते हैं. दीपिका के प्रोड्यूसर होने के नाते उनके लिए खतरा और बढ़ जाता है. यही कारण है कि उनकी इस हिम्मत की बॉलीवुड के कई मशहूर सितारों ने तारीफ की है. लेकिन छपाक की अगर दीपिका की पिछली फिल्म से तुलना की जाए तो उनके लिए चीजें ज्यादा सकारात्मक नजर आ रही हैं.

दीपिका की पिछली फिल्म को लेकर भी हुआ था जबरदस्त विवाद

दीपिका की पिछली फिल्म पद्मावत को लेकर भी काफी विवाद हुआ था और संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित इस फिल्म को लेकर करणी सेना ने कड़ा विरोध जताया था. दीपिका समेत फिल्म से जुड़े लोगों को जान से मारने की धमकियां भी मिली थीं और फिल्म को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन को देखते हुए मेकर्स ने फिल्म का नाम पद्मावती से पद्मावत भी रख लिया था. हालांकि तमाम विरोधों के बावजूद रिलीज हुई इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कलेक्शन किया था और फिल्म ने भारत में लगभग 300 करोड़ और वर्ल्डवाइड 585 करोड़ के आसपास कमाई की थी.

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सोशल मीडिया पर फिल्म को लेकर दो गुट बनने के बीच छपाक की कहानी अगर लोगों को पसंद आती है तो इससे फिल्म को जबरदस्त पब्लिसिटी मिलने की संभावना है क्योंकि जो लोग उनका समर्थन कर रहे हैं वो लोग तो फिल्म देखने जाएंगे ही. नॉन पॉलिटिकल सिनेमा लवर्स के बीच भी माउथ पब्लिसिटी के जरिए कहानी पहुंचेगी. जिससे फिल्म को काफी ज्यादा फायदा हो सकता है. ऐसे में छपाक की ओपनिंग और माउथ पब्लिसिटी इस मामले में सबसे ज्यादा मायने रखेगी.

वही अगर फिल्म की कहानी और एक्टिंग लोगों को पसंद नहीं आती है तो इस फिल्म को बड़े स्तर पर ट्रोल किया जा सकता है जिससे फिल्म चर्चा में बनी रहेगी और सुर्खियों में रहने के चलते फिल्म की कमाई पर नेगेटिव के बजाए पॉजिटिव फर्क भी पड़ सकता है. लेकिन अगर फिल्म की कहानी और एक्टिंग एकदम लचर साबित हुई तो फिर दीपिका के लिए अपनी फिल्म बचाना काफी मुश्किल हो सकता है. देखना ये होगा कि दीपिका का ये कदम उनके लिए मास्टरस्ट्रोक साबित होता है या फिर एक त्रासदी भरा फैसला.

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