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इस महान एक्टर के ऑस्कर जीतने पर 12 मिनट तक तालियों से गूंजता रहा था हॉल

When Charlie Chaplin got a standing ovation on winning an oscar चार्ली चैपलिन को मूक फिल्मों का सुपरस्टार कहा जाता था. वे पहले एक्टर थे जिन्हें टाइम पत्रिका ने अपने कवर पर जगह दी थी. अपनी फिल्मों के कंटेट के चलते अमेरिका ने उन पर प्रतिबंध ही लगा दिया था फिर 20 साल बाद कुछ अद्भुत हुआ.

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 12:40 PM IST

अपनी मूक फिल्मों के द्वारा अमेरिका में पूंजीवाद, फासिज्म और युद्ध के खिलाफ मजबूत संदेश देने वाले महान एक्टर डायरेक्टर चार्ली चैपलिन ने सिनेमा में कई नए आयाम गढ़े. वे पहले एक्टर थे जिन्हें टाइम पत्रिका ने अपने कवर पर जगह दी थी.  उनके पिता एक एक्टर थे और उन्हें शराब की लत थी. उनका बचपन काफी संघर्षों में बीता. उनकी मां को मेंटल अस्पताल में भर्ती कराने के बाद चार्ली और उनके भाई को अपने पिता के साथ रहना पड़ता था. कुछ सालों में चार्ली के पिता की मौत हो गई थी लेकिन उनके व्यवहार के चलते एक संस्था ने चार्ली और उनके भाई को पिता से अलग कराना पड़ा था. परेशानी भरे बचपन के बावजूद वे अमेरिकी सिनेमा में अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे हालांकि अमेरिका ने 1952 में उन्हें बैन कर दिया था.

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चार्ली की फिल्मों के कम्युनिस्ट विचारों के चलते अमेरिका ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया था. उन्हें 20 साल बाद 1972 में ऑस्कर अवॉर्ड मिला था. चार्ली के सिनेमा को योगदान के चलते वहां मौजूद जनता ने उन्हें 12 मिनटों तक खडे़ होकर तालियां बजाई थी. ये ऑस्कर के इतिहास में सबसे बड़ा स्टैडिंग ओवेशन माना जाता है.

महान वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टीन ने एक बार इच्छा जताई थी कि वे अपने जीवन में एक बार चार्ली चैपलिन से जरुर मिलना चाहेंगे. विटेंज न्यूज के मुताबिक, चार्ली को जब ये पता चला था तो उन्होंने आइंस्टीन और उनकी पत्नी को डिनर के लिए इंवाइट किया था और दोनों के बीच काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी. ये दोनों महान हस्तियां 1931 में चार्ली की अद्भुत फिल्म सिटीलाइट्स के प्रीमियर पर साथ पहुंचे थे.  चार्ली ने उस समय कहा था कि लोग मेरी तारीफ करते हैं क्योंकि वे मुझे समझते हैं और वे तुम्हारी तारीफ करते हैं क्योंकि वे तुम्हें समझ नहीं पाते.

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अपनी फिल्मों में ज़िंदगी की  कॉमेडी और त्रासदी दिखाते चार्ली की मौत के बाद भी ट्रैजेडी खत्म नहीं हुई.  1977 में उनकी मौत हो गई थी लेकिन उनकी मौत के एक साल बाद उनके पार्थिव शरीर को स्विटज़रलैंड के एक गांव से दो चोरों ने चुरा लिया था. हिस्ट्री.कॉम के मुताबिक, इसके बाद चैपलिन की पत्नी से 6 लाख डॉलर्स की मांग की गई लेकिन उन्होंने फिरौती देने से इंकार कर दिया था क्योंकि ऊना के मुताबिक, चार्ली को ये बेहद बकवास लगता अगर वे चोरों को पैसे दे देतीं.

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