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KBC का सलाम: हादसे में खोए पैर, फिर भी हौसले से फतेह किया माउंट एवरेस्ट

aajtak.in
  • 08 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 7:05 PM IST
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कौन बनेगा करोड़पति सीजन 12 के करमवीर स्पेशल में अब तक एक से बढ़कर एक शख्स शामिल हुए. शो में उनका आना, दर्शकों संग अपनी जिंदगी के पहलुओं को साझा करना कई लोगों के लिए प्रेरणादायक रहा. ऐसी ही एक और शख्स इस शुक्रवार करमवीर स्पेशल में श‍िरकत करने वाली हैं. ये शख्स हैं दुनिया की पहली महिला दिव्यांग पर्वतारोही डॉ. अरुण‍िमा सिन्हा. 

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सबसे पहले बता दें कि डॉ. अरुण‍िमा सिन्हा विश्व की पहली दिव्यांग महिला हैं जिन्होंने माउंट एवरेस्ट पर फतेह हास‍िल की. सोनी चैनल ने इस अपकमिंग एप‍िसोड का प्रोमो शेयर किया है. प्रोमो में डॉ. अरुण‍िमा ने अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी उपलब्ध‍ि और सबसे कठ‍िन कार्य के बारे में बताया है.

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वे कहती हैं- 'क्या आप सोच सकते हैं कि एक ऐसी दिव्यांग लड़की जो बिस्तर से उठ भी नहीं सकती थी, जब वो कुछ निश्चय कर ले कि हां कुछ अलग करना है, तब लोगों ने पागल कहना शुरू कर दिया था. जब ये दुनिया आपको पागल बोलना शुरू कर दे तब आप समझ लें कि आपका गोल आपके बहुत नजदीक है. तब मैंने तय किया कि मैं वो करूंगी जो शायद अभी तक किसी ने नहीं किया'. 
 

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अमिताभ बच्चन आगे डॉ. अरुण‍िमा की इस उपलब्धि का जिक्र करते हैं- 'माउंट एवरेस्ट दुनिया का सबसे ऊंचा श‍िखर, पर्वातरोहियों के लिए एक कठ‍िन चुनौती. यहां चढ़ाई इतनी दुर्गम है कि हर पर्वतारोही को सफलता मिले ये जरूरी नहीं लेकिन इसी दुर्गम श‍िखर पर अरुण‍िमा जी ने अपने पैर खोने के बावजूद भारत का ध्वज फहराया. माउंट एवरेस्ट पर फतेह हास‍िल करने वाली विश्व की पहली महिला दिव्यांग पर्वतारोही, तेंजिंग नोर्गे अवॉर्ड से सम्मान‍ित, पद्मश्री डॉ. अरुण‍िमा सिन्हा का अभ‍िनंदन'. 

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शो में अरुण‍िमा ने अपने साथ हुए ट्रेन हादसे के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा- 'बरेली के पास चनेटी नाम का एक छोटा सा रेलवे स्टेशन है. चार-पांच लोग कहीं से ट्रेन में चढ़े. अचानक मेरे गले पर उनका हाथ मुझे महसूस हुआ. तो मैंने उनका हाथ पकड़ा और उसका विरोध किया'. 

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'उनके पास चाकू और बंदूक जैसी चीजें थी. और उन्होंने मुझे उठाया और चलती ट्रेन से बाहर फेंक दिया. मैंने ट्रेन का हैंडल पकड़ने की कोश‍िश की पर नहीं पकड़ पाई. और उसके विपरीत दिशा से दूसरी ट्रेन की सिर्फ लाइट दिखाई दी. और फिर अचानक मैं बाहर थी और टकराकर नीचे गिर गई. मैंने हाथ रखकर उठने की कोश‍िश की पर नहीं उठ पा रही थी. मेरे दाएं पैर की हड्ड‍ियां टूट-टूटकर जींस के बाहर आ गई थी. जांघों को उठाकर देखा तो मेरा पैरा जींस से लटक रहा था'. 
 

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अरुण‍िमा ने माउंट एवरेस्ट पर अपनी चढ़ाई के फैसले और उसके लिए कहां से उन्हें प्रेरणा मिली, इसके बारे में भी खुलकर बताया. उन्होंने कहा- 'हॉस्प‍िटल के बेड पर फ्रंट पेज पर देखा कि अरुण‍िमा के पास ट‍िकट नहीं थी और टीटी के आने पर वो ट्रेन से कूद गई. अगले दिन फिर अखबार में देखा कि अरुण‍िमा सुसाइड के लिए गई थी'. 
 

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'वो पेज पलटा और स्पोर्ट्स पन्ने पर माउंटेनियरिंग का एक आर्ट‍िकल था. मैंने उसमें माउंटेनियरिंग के रूट्स को पढ़े और फिर मन में ठान लिया कि जिस कटे हुए पैर को लोग अरुण‍िमा की कमजोरी कहते हैं, उसी को मैं अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा हथ‍ियार बनाउंगी. और वहीं से मैंने अपनी जिंदगी का सबसे कठ‍िन गेम माउंटेंनियरिंग'. 

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शो में अरुण‍िमा के आने से कई लोगों को उनकी जिंदगी से प्रेरणा और सीख दोनों मिलेगी, यह तो तय है. यह शो इस शुक्रवार रात नौ बजे ऑन एयर होगा.  
 

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