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बिग बॉस में रहे दोस्त बने दुश्मन, पारस छाबड़ा ने देवोलीना को बताया 'आस्तीन का सांप'

E-Times से बात करते हुए पारस छाबड़ा ने कहा, "मुझे पता है कि वह मेरे खिलाफ बोलती हैं. ये तो वही बात हो गई ना ऐसे लोगों को 'आस्तीन का सांप' कहते हैं, जो आपको हमेशा डसने के लिए तैयार रहता है."

पारस-देवोलीना पारस-देवोलीना
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 22 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 10:28 AM IST

बिग बॉस 13 फेम पारस छाबड़ा को लेटेस्ट सीजन बिग बॉस 14 में देवोलीना भट्टाचार्जी के कनेक्शन के रूप में देखा गया था. हालांकि, अभिनेता देवोलीना के कनेक्शन बनकर घर में प्रवेश तो कर गए, लेकिन उनके बीच काफी लड़ाई देखने को मिली, जहां कई बार दोनों घर के कुछ मुद्दों पर एक दूसरे के खिलाफ असहमत दिखाई दिए. अब, E-Times से बात करते हुए पारस ने देवोलीना भट्टाचार्जी 'आस्तीन का सांप' बताया है. 

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पारस ने देवोलीना को बताया आस्तीन का सांप
पारस ने कहा, "मुझे पता है कि वह मेरे खिलाफ बोलती हैं. ये तो वही बात हो गई ना ऐसे लोगों को 'आस्तीन का सांप' कहते हैं, जो आपको हमेशा डसने के लिए तैयार रहता है. जब मैंने बिग बॉस 14 के घर में प्रवेश किया था, तो वह बहुत एक्साइटेड थीं. वो खुशी से चिल्ला रही थीं, सबको बता रही थीं मेरा दोस्त आ गया और वो अच्छे से जानती हैं कि मैं कैसा हूं. यह देवोलीना ही थीं जिन्होंने घर के सदस्यों के दिमाग में मेरी एक अलग छवि बनाई. वे घर के हर सदस्य पर गईं और कहा कि मैं भरोसेमंद इंसान नहीं हूं.

पारस ने आगे बताया, "जब मैंने घर में एंट्री की, तो मुझे 2 चेहरे देखने को मिले. मेरे सामने वे बेहद खुश थीं लेकिन मेरे पीछे वे सभी से बकवास कर रही थीं. ऐसे में देवोलीना अपना व्यक्तित्व दर्शा रही थीं. मुझे उनकी इस चीज से ज्यादा परेशानी नहीं हुई क्योंकि मैं बिग बॉस खेलने गया था, अगर देवोलीना कि जगह कोई और कंटेस्टेंट होता तो भी मैं जाता. मैं घर के अंदर सिर्फ अपने फैंस के लिए गया था. आपको मैं बता दूं देवोलीना घर से बेघर जल्द ही हो जातीं, उन्होंने मुझे खुद बताया था कि उनका 3 ही हफ़्तों का कॉन्ट्रैक्ट है लेकिन मैं घर के अंदर गया तो वे घर में एक हफ्ता और रहीं.

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इस तरह रुबीना को मिला टिकट तो फिनाले 
टिकट तो फिनाले टास्क में रुबीना के नाम की घोषणा करने पर पारस ने बताया, "बिग बॉस 13 ने हमें बहुत कुछ सिखाया है. हम आलोचना पर ध्यान नहीं देते, हम सिर्फ फैंस का प्यार देखते हैं. जो लोग हमें क्रिटीसाइज करते हैं वे मूल रूप से हमें जीवन में बेहतर करने के लिए पुश करते हैं और और जो लोग हमसे प्यार करते हैं, हम उनके लिए कुछ भी कर सकते हैं. मैं कुछ आबरा का डाबरा पारस छाबड़ा के स्टाइल में करना चाहता था. 

रुबीना को टास्क का विजेता बनाने के पीछे मेरा कारण बहुत स्पष्ट था. मैंने क्लियर तरीके से घोषणा की थी कि केवल कनेक्शन बारबेल में बोरे डालेंगे. लेकिन मुझे नहीं पता कि बताने के बाद भी राहुल वैद्य की मदद करने के लिए अली और अन्य लोग क्यों कूद. मुझे जो भी फैसला सही लगा वो मैंने लिया. बहुत लोगों को लगा कि मैं सही हूं, लेकिन कुछ लोग मेरे खिलाफ थे. लेकिन यह ठीक है. रुबीना के फैंस ने मेरा सपोर्ट किया और राहुल के फैंस ने मेरे फैसले की सराहना नहीं की.

 

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