
बिग बॉस 15 की 2 दिन बाद धमाकेदार शुरुआत होने जा रही है. कंटेस्टेंट्स से लेकर फैंस तक शो को लेकर काफी एक्साइटेड हैं. बिग बॉस शो का हिस्सा बनना और सलमान खान के साथ स्टेज शेयर करना हर सेलेब का सपना होता है. बिग बॉस ओटीटी की विनर दिव्या अग्रवाल ने भी सलमान खान के शो में जाने का सपना देखा था और इसी सपने को लेकर उन्होंने बिग बॉस ओटीटी में एंट्री भी की थी.
बिग बॉस 15 में एंट्री ना मिलने पर दिव्या ने कही ये बात
लेकिन दिव्या अग्रवाल को बीबी ओटीटी शो जीतने के बाद भी सलमान खान के शो में एंट्री नहीं दी गई है. खुद दिव्या भी यह जानने के लिए इच्छुक हैं कि बिग बॉस 15 में जब हारे हुए कंटेस्टेंट्स को दोबारा से एंट्री दी जा रही है तो फिर उन्हें शो जीतने के बाद भी साइडलाइन क्यों कर दिया. इन्हीं सवालों पर आज तक से खास बातचीत में दिव्या ने कहा- "मुझे भी यही कंफ्यूजन था कि यह चल क्या रहा है.- मेरी पूरी जर्नी में मेरी यही लड़ाई थी कि एक बार ट्रॉफी हाथ में आएगी तो मुझे आगे चांस मिलेगा. बीबी ओटीटी में बीच में मैं काफी लो हो गई थी, मेरी कोई स्टोरी नहीं थी, मैंने खेला नहीं."
दिव्या आगे बोलीं- "6 हफ्ते में जितना मैं दिखा सकती थी मैंने किया. मुझे टास्क करने की इजाजत भी नहीं होती थी, क्योंकि मेरे पास कनेक्शन नहीं था, तो मैं भी यही सोच रही थी कि अगर मैं जीत गई तो मुझे आगे खुद को साबित करने का मौका बिग बॉस 15 में मिलेगा. मुझे भी समझ नहीं आ रहा है कि यह सब हो क्या रहा है."
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बिग बॉस 15 के लिए अप्रोच न किए जाने पर दिव्या ने कहा- "सच कहूं तो मुझे भी अजीब लग रहा है. लेकिन मेरा यह भी मानना है कि ओटीटी शो के ही अगर इतने सारे लोग बिग बॉस 15 में जा रहे हैं, जिनके साथ कंपीट करने का कोई मतबल नहीं है, क्योंकि मैं पहले ही उनसे कंपीट करके ट्रॉफी जीत चुकी हूं और विनर बनी हूं. इसलिए मैं खुश भी हूं कहीं ना कहीं."
बीबी ओटीटी में अपनी जर्नी से खुश हैं दिव्या
दिव्या ने आगे कहा, "लेकिन अगर मुझे पता होता कि ऐसा कुछ होने वाला है और मुझे पता होता कि सिर्फ ओटीटी के ही 6 हफ्ते हैं मेरे पास तो मैं इन्हीं में अपना बेस्ट देती. लेकिन मुझे लगा था कि मुझे आगे भी चांस मिलेंगे. लेकिन मेरी जर्नी के लिए मुझे ऑडियंस का इतना प्यार मिला है. उन लोगों को इतना पसंद आया है तो बाहर आकर ऐसा लग रहा है कि चलो मैं यही दिखाना चाहती थी लोगों को." दिव्या ने यह भी कहा कि आपकी जर्नी इंस्पायरिंग होनी चाहिए. जैसे कहा जाता है- जिंदगी लंबी नहीं मजेदार होनी चाहिए.