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KBC 13 के पहले कंटेस्टेंट हैं ज्ञानराज, लोगों की भलाई करना जीवन का है सपना

शो के पहले कंटेस्टेंट का नाम ज्ञानराज है और वे झारखंड से हैं. आजतक ने ज्ञानराज से बातें कीं. इस दौरान ज्ञानराज ने जीवन के प्रति उनकी अपेक्षाओं और नजरिए के बारे में बात की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में अपने विचार रखे और अपनी जीवन की सफलता का श्रेय अपनी मां को दिया.

अमिताभ बच्चन, ज्ञानराज अमिताभ बच्चन, ज्ञानराज
नेहा वर्मा
  • मुंबई,
  • 23 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 8:01 PM IST
  • अमिताभ बच्चन लेकर आ रहे केबीसी 13
  • पहले कंटेस्टेंट होंगे झारखंड के ज्ञानराज

कौन बनेगा करोड़पति के 13वें सीजन की शुरुआत होने जा रही है. शो को हमेशा की तरह इस बार भी अमिताभ बच्चन होस्ट कर रहे हैं. शो के पहले कंटेस्टेंट का नाम ज्ञानराज है और वे झारखंड से हैं. आजतक ने ज्ञानराज से बातें कीं. इस दौरान ज्ञानराज ने जीवन के प्रति उनकी अपेक्षाओं और नजरिए के बारे में बात की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में अपने विचार रखे और अपनी जीवन की सफलता का श्रेय अपनी मां को दिया. 

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सदी के महानायक के साथ आपकी पहली मुलाकात कैसी साबित हुई?

बिल्कुल ड्रीम्स कम ट्रू वाली स्थिति थी. अमिताभ जी से मिलना हर एक का सपना होता है. लाइव उनके सामने बैठना ही अपने आप में बहुत बड़ी बात है. एक नंबर जैसा होता है जब हमको देखते हैं तो और जोश आ जाता है.

कौन बनेगा करोड़पति में आने का आपका यह पहला मौका था या इससे पहले भी कोशिश कर चुके हैं?

यह पहला ही अटेम्प्ट था. सोचा नहीं था कि पहली बार में ही हॉट सीट पर बैठने का शौभाग्य प्राप्त होगा. कभी संयोग ही नहीं बना. कोरोना के कारण सोचने का समय मिला तो इस शो में भाग लिया और पहली बार में ही बाजी मार ली. 

 

खेल के दौरान क्या आपके ऊपर बिग बी की शख्सियत का प्रभाव पड़ा?

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जैसे ही मेरे नाम की घोषणा हुई कि मैं सबसे पहले चुना गया कंटेस्टंट हूं, हॉट सीट पर बैठने के लिए वैसे ही मैं थोड़ा सदमे में आ गया. लेकिन उनके पास जाते ही और उनसे मिलते ही मुझमें कॉन्फिडेंस आ गया. इतनी महान शख्सियत होने के बावजूद वह सामने वाले को बहुत कम्फर्टेबल महसूस करवाते हैं. उनसे कुछ पल बातचीत करके सब नॉर्मल लगने लगा. 

शो में आपने कितनी राशि जीती? क्या आपकी उम्मीद से ज्यादा है या कम?

ज्यादा कुछ बोलने की इजाजत नहीं है अभी. पर मैं कितनी धनराशि जितनी है ऐसा सोच कर शो पर नहीं गया था. बस यही चाह थी कि अपने काम को केबीसी के मंच तक ले जाऊं. मैंने जितनी राशि कमाई है उससे बहुत खुश हूं.

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आप अपने काम से कई ग्रामीण इलाकों में लोगों की भलाई करना चाहते हैं? क्या कभी परिवार वालों से ज्यादा पैसे कमाने का दबाव बना?

नहीं उल्टा मेरे घरवालों ने मेरा बहुत प्रोत्साहन किया. मेरी मम्मी ही मेरी सबसे बड़ी टीचर हैं और उन्होंने कहा कि तुम चाहो तो एक अच्छी और आरामदायक जिंदगी जी सकते हो. लेकिन अगर तुम गांव वापस आकर बच्चों को राह दिखा सकते हो तो यहां पर 1000 इंजीनियर पैदा हो सकते हैं. उनकी यही बातें मेरे अंदर घर कर गई. मुझे अभी भी लोग कहते हैं कि आप जॉब करना चाहेंगे क्या. सफल बनने की सबकी सोच अभी भी जॉब करना ही है. पर मैं सोचता हूं कि जो काम मैं कर रहा हूं उससे शायद कुछ बदलाव आएगा.

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बच्चों को पढ़ाने और उन्हें शिक्षा प्रदान करने का आपका सबसे बड़ा लक्ष्य क्या है?

हमसे हमेशा हा जाता है कि कोई लक्ष्य तय करना है तो बड़ा ही करो. मेरा भी लक्ष्य या सपना यही है कि मुझसे पढ़े हुए बच्चे नोबल प्राइज जीतकर लाएं. यह छोटा मोटा नहीं बहुत बड़ा सपना है पर मैं चाहता हूं कि मैं वहा पहुंचूं.

 

बच्चों को पढ़ाने के दौरान किस तरह की चुनौतियां सामने आईं? राज्य सरकार से किस तरह का साथ मिला?

जहा तक बात है सहायता की तो फिलहाल हमें राज्य सरकार से किसी भी तरह की कोई मदद नहीं मिल रही है. लेकिन केंद्र सरकार और माननीय प्रधानमंत्री की ओर से जो उन्होंने जैसा कॉन्सेप्ट लाया और हमारे स्कूल को मुहैया करवाया तो उसके लिए मैं उनका बहुत आभारी हूं. ग्रामीण क्षेत्र में कई तरह की दिक्कतें होती हैं खासकर आर्थिक रूप से. पर हम कोशिश कर रहे हैं अगर हमें ऐसे ही आगे भी और ज्यादा समर्थन मिलता गया तो हम और भी बेहतर तरीके से काम कर पाएंगे. दूसरा चैलेंज बच्चों के मां-बाप पहले तो यह सब सीखाने के लिए मना कर देते थे कि आप यह सब क्या पढ़ा रहे हैं. उनके स्कूल की किताबें पढ़ाए. लेकिन जब मेरे कुछ स्टूडेंट्स को अवॉर्ड और सर्टिफिकेट मिलने लगे तब जाकर लोगों को और पैरेंट्स को इसकी अहमियत समझ में आई.

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आपको इस नेक काम में आने वाले समय में केबीसी के माध्यम से कितना लाभ होगा?

सबसे पहले तो 4 साल से मैं जो काम कर रहा था अब उसको पूरी दुनिया जान गई है. इसका बहुत फायदा होगा. गांव में काम करने से अधिकांश लोग आपके काम से अनभिज्ञ रहते हैं. अभी मैं स्कूल के बच्चों तक ही सीमित हूं लेकिन केबीसी प्लेटफॉर्म की वजह से शायद अब किसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या यूट्यूब से जुड़ सकता हूं. जिससे ज्यादा से ज्यादा बच्चों तक पहुंचकर अपना ज्ञान उनके साथ बांट सकूं.

आपको पीएम के सलाहकार के रूप में चुना गया है? इस औहदे के लिहाज से खुद को कितना जिम्मेवार समझते हैं?

बहुत गर्व महसूस होता है कि मैं उनके ग्रुप का मेंबर हूं. 

पीएम के साथ मिलने का अवसर कैसा लगा?

अभी तो हमारी मुलाकात ऑनलाइन ही हुई है. आमने-सामने मिलने का मौका फिलहाल नहीं मिला है. उम्मीद करता हूं उनसे स्वयं मिलने का सुंदर अवसर जरूर मिलेगा. 

टीवी पर पहली बार आपको देखकर आपकी फैमिली का क्या रिएक्शन था?

मेरी मम्मी और बहन तो मेरे साथ शो पर मौजूद थीं. लेकिन पापा बहुत उत्साहित और खुश हैं. उन्हें कुछ नहीं पता है कि मैंने कितनी धनराशि जीती है और शो में क्या-क्या हुआ है. उनके लिए अभी तक सब सरप्राइज है जो उन्हें शो देखने के दरमियान पता चलेगा.

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