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KBC 14: पिता हरिवंश राय बच्चन को विदेश में मिले सम्मान को याद कर भावुक हुए अमिताभ

अमिताभ बच्चन अपने पूज्य बाबूजी को कई बार याद करते हैं. यही एक मोमेंट 'केबीसी 14' के मंच पर भी आया. अमिताभ बच्चन ने उस पल को याद किया जब दो साल पहले पोलैंड में उनके बाबूजी का पुतला जगह-जगह बनाकर रखा गया था. उनके साहित्य की सराहना हुई थी. 12-15 साल के बच्चों ने 'मधुशाला' गाई थी.

अमिताभ बच्चन अमिताभ बच्चन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 7:06 AM IST

टीवी के क्विज शो 'कौन बनेगा करोड़पति 14' में इस बार एक से बढ़कर एक कंटेस्टेंट आ रहे हैं. गुरुवार के एपिसोड की शुरुआत रोलओवर कंटेस्टेंट रूपिन शर्मा के साथ हुई. 20 हजार रुपये वे इससे पहले वाले एपिसोड में जीत चुके थे. एक-एक करके सवालों का जवाब देकर 12 लाख 50 हजार के सवाल पर पहुंचे. इस सवाल का जवाब रूपिन को नहीं पता था, ऐसे में उन्होंने गेम क्विट करने का फैसला लिया. 

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12 लाख 50 हजार के लिए सवाल
आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए, किस यूरोपियन शहर के महापौर ने 30 मई, 2022 को एक विशेष ट्राम रवाना की थी? पोजनन, वारसॉ, व्रोक्लॉ या फिर क्रकाउ. इस प्रश्न के लिए रूपिन शर्मा ने फोन अ फ्रेंड लाइफलाइन ली. इसमें उन्होंने राजकुमार एम से बात करनी चुनी. यह रूपिन के दोस्त हैं. पेशे से फॉरेस्ट ऑफिसर हैं. इस सवाल का जवाब दोस्त नहीं जानते थे. हालांकि, उन्होंने वारसॉ कहा, लेकिन वह श्योर नहीं थे. ऐसे में रूपिन शर्मा ने तीसरी और आखिरी लाइफलाइन 50-50 ली. इसमें दो जवाब बचे, व्रोक्लॉ या क्रकाउ. इस सवाल पर बिना रिस्क लिए रूपिन शर्मा ने खेल को क्विट करने का फैसला लिया. सही जवाब था व्रोक्लॉ. चलिए बच गए रूपिन, वरना उन्हें 3 लाख 20 हजार रुपये लेकर जाने पड़ते. अभी वह 6 लाख 40 हजार रुपये लेकर गए.

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अमिताभ ने सुनाई दास्तां
इस सवाल का जवाब देने के बाद अमिताभ बच्चन ने इस दौरान एक व्यक्तिगत बात भी शेयर की जो उनके बाबूजी हरिवंश राय बच्चन जी से जुड़ी थी. सवाल के जवाब से ही जुड़ी जानकारी देते हुए अमिताभ बच्चन ने कहा कि सर, व्रोक्लॉ, पोलैंड की हेरिटेज सिटी है. इसकी वजह है साहित्यिक कॉन्टेंट है. साहित्य को वहां बहुत ज्यादा मान-सम्मान मिलता है. अमिताभ बच्चन ने आगे कहा कि जो नोबेल प्राइज मिला, वह महिला व्रोक्लॉ की ही थीं. व्रोक्लॉ एक ऐसा शहर है जोकि 'एल्फ सिटी' के नाम से भी जानी जाती है. वहां लोग काफी मान-सम्मान देते हैं. जितने भी विश्वभर में लेखक हों या फिर जिनका साहित्य से संबंध है तो उनका वह पुतला बनाकर अपने पूरे शहर में अलग-अलग स्थानों पर इसको एक स्तंभ की तरह लगाते हैं. 

अमिताभ बच्चन ने आगे कहा कि दो साल पहले पूज्य बाबूजी का एक पुतला पोलैंड में लगा था. मैंने तस्वीर भी शेयर की थी. उसका उद्घाटन करने के लिए हमें वहां बुलाया गया था तो गया था वहां. उनका एक हिंदी विभाग भी है, जो काफी प्रचलित है. बहुत से लोग वहां शिक्षा प्राप्त करते हैं. 12-15 साल के बच्चियां-बच्चे, जब हमें वहां बुलाया गया तो वहां उन्होंने एक स्पैंप भी स्थापित किया. तो उन्होंने मधुशाला गाई थी. इस एपिसोड में अमिताभ बच्चन यह बताते हुए भावुक हो गए. मधुशाला, बाबूजी ने साल 1935 में लिखी थी. अमिताभ बच्चन ने बाबूजी की एक पंक्ति भी इस दौरान सुनाई.

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