
टेलीविजन के चंद शोज ऐसे हैं जिन्होंने दर्शकों के दिलों में अपनी स्पेशल जगह बनाई हुई है. CID भी इन्हीं शोज में से एक है. CID टीवी के सबसे लंबे चलने वाले शोज में से एक हैं. इस शो के हर एक किरदार को लोगों ने भर-भर कर प्यार दिया है. इन्हीं पॉपुलर कैरेक्टर्स में दया भी शुमार है. सीआईडी में फैंस दया के रोल से इतना इंप्रेस हुए कि शो खत्म होने के बाद भी उन पर तमाम मीम बनते रहते हैं. शो में दया का रोल दयानन्द शेट्टी (Dayanand Shetty) ने अदा किया था. आइये आज दया (Daya) से जुड़ी वो बात जानते हैं, जो शायद ही अब किसी को याद होगी.
खतरों के खिलाड़ी में आये थे नजर
CID में दया के किरदार ने दयानन्द शेट्टी को एक खास पहचान दी. दया बनकर वो घर-घर में फेमस हो गये थे. CID से लोगों के दिलों में उतरने वाले दयानन्द शेट्टी रोहित शेट्टी (Rohit Shetty) के शो खतरों के खिलाड़ी (Khatron ke Khiladi) में भी नजर आ चुके हैं. अगर आपको याद नहीं आ रहा है, तो दिमाग पर थोड़ा सा जोर डालिये. याद करिय 2014 का वो समय जब खतरों के खिलाड़ी पर दयानंद शेट्टी खतरों से खेलते दिखते थे.
हां... हां... याद आया ना. दयानंद शेट्टी खतरों के खिलाड़ी सीजन 5 में नजर आये थे. खतरों के खिलाड़ी की ट्रॉफी जीतने की उन्होंने पूरी कोशिश की. हर स्टंट को पूरी शिद्दत से निभाया. पर अफसोस वो शो नहीं जीत पाये. जीत के बेहद करीब आकर दयानंद शेट्टी को रोहित शेट्टी के शो से बाहर होना पड़ा. वो शो से इस कदर जुड़ गये थे कि जाते-जाते काफी इमोशनल भी हो गये थे. दयानंद शेट्टी के शो से निकलने पर उनकी आंखों में आंसू थे. यही नहीं, शो के होस्ट रोहित शेट्टी भी उनके एलिमिनेशन पर काफी दुखी हुए थे. ऐसा लग रहा था कि दया के जाने से शो की रौनक की चली गई.
स्ट्रेंथ के लिये हैं मशहूर
दयानंद शेट्टी को उनकी स्ट्रेंथ के लिये जाना जाता है. सीआईडी में दया का सिग्नेचर डायलॉग था, जब दया का हाथ पड़ता है, तो मुंह के अंदर दांतों से पियानो बजने लगता है. लोग कुछ भी भूल सकते हैं, लेकिन शायद ही कभी ये डायलॉग भूल पायेंगे. सीआईडी और खतरों के खिलाड़ी के अलावा दयानंद शेट्टी गुटुर गु, कुसुम, और झलक दिखला जा जैसे शोज में भी दिख चुके हैं.
इसके अलावा उन्होंने सिंघम रिटर्न्स, जॉनी गद्दार और रनवे जैसे फिल्मों में भी काम किया है. अब दया की इतनी बातें हो गई हैं, तो एक बार सब साथ मिल कर कहते हैं कि कुछ तो गड़बड़ है दया.