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कोरोना: प्रेग्नेंट औरत को मरते देखा, लोगों को बचाने में अपना सबकुछ लगा दिया है: राघव जुयाल

कोरोना की जंग में शामिल हुए राघव जुयाल हमसे शेयर करते हैं अपनी कुछ अनदेखे इमोशनल अनुभव, जिसने न उन्हें इस जंग में शामिल होने की प्रेरणा दी बल्कि साथ ही उन्हें इस बात का भी एहसास हुआ कि यूथ अगर बदलाव लाना चाहे, तो नामुमकिन कुछ भी नहीं.

Raghav Juyal Raghav Juyal
नेहा वर्मा
  • मुंबई,
  • 25 मई 2021,
  • अपडेटेड 9:46 PM IST

टीवी एंकर व डांसर राघव जुयाल इन दिनों उत्तराखंड में हैं. उन्होंने अपने दोस्तों संग मिलकर उत्तराखंड बचाओ कैंपेन की शुरुआत की है. दरअसल राघव के अचानक से कोविड वॉरियर फ्रंटलाइन से जुड़ने का बेहद ही इमोशनल कारण है. राघव उस वक्त बिलकुल ही टूट गए, जब उन्होंने खुद के सामने एक प्रेग्नेंट महिला और उसके जुड़वां बच्चों को मरते देखा. यही वजह है कि इस पहल के लिए अब वे अपने प्रफेशनल काम तक के बारे में नहीं सोच रहे हैं और पूरी टीम के साथ उन्होंने खुद को भी झोंक दिया है.

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उस हादसे को याद करते हुए राघव बताते हैं, उत्तराखंड की स्थिती पहले भी स्थिति बहुत खराब ही थे. लोगों को बेड, वेंटिलेटर और आईसीयू नहीं मिल रहे थे. उस वक्त एक सबा नाम की महिला थी, जिसे हम वालंटियर कर रहे थे. वो जुड़वां बच्चों साथ प्रेग्नेंट थी. हमने भरपूर कोशिश की उन्हें बेड भी दिलवाया लेकिन देर हो जाने की वजह से वो बच नहीं पाईं. वो मोमंट मेरे लिए दिल तोड़ने वाला था. मुझे गुस्सा इसी बात का था कि हम उसे बचा नहीं पाए. यह हादसा मुझे जिंदगी भर कचोटता रहेगा. बात यह है कि लोग कोरोना से नहीं मर रहे हैं. उन्हें ट्रीटमेंट नहीं मिल पा रहा उस वजह से जान जा रही है.