Advertisement

राजू श्रीवास्तव के बारे में ये बातें नहीं जानते होंगे, दोस्त ने सुनाए मजेदार किस्से

राजू श्रीवास्तव कितने जिंदादिल और नेक इंसान थे, इससे परिचय उनके दोस्त ने करवाया. राजू के दोस्त अशोक ने बताया कि कैसे उन्होंने उनपर पर इतना भरोसा किया कि उन्हें अपनी होने वाली बीवी तक को देखने के लिए भेज दिया था. उन्होंने अशोक से कहा कि तुम लखनऊ जाओ और लड़की जो मेरी होने वाली बीवी है, उसे देख आओ.

राजू श्रीवास्तव राजू श्रीवास्तव
नेहा वर्मा
  • मुंबई,
  • 21 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:17 PM IST

राजू श्रीवास्तव के निधन से हर कोई शोकाकुल है. बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री में हर किसी की आंखें नम हैं. राजू के दोस्त अशोक मिश्रा ने आज तक से बात की और उनके स्ट्रगल के दिनों के कई किस्सों से रूबरू कराया. अशोक खुद भी पेश से कॉमेडियन ही हैं. अशोक राजू के साथ सालों मलाड वाले घर में रहे हैं. अशोक ने राजू संग बिताई कई चटपटी यादों को शेयर किया. 

Advertisement

सलमान के साथ किया राजू ने काम
अशोक बताते हैं कि, '' मैं 18 साल का था जब 1992 में मुंबई आया. उस दौरान एक फीमेल एक्ट्रेस कॉमेडियन मीना श्रीवास्तव ने मेरी उनसे मुलाकात करवाई. मीना ने कहा- ये राजू श्रीवास्तव है, कॉमेडी करते हैं. मैंने फौरन कहा, इनको तो फिल्म मैंने प्यार किया में देखा है. आपको याद हो कि, फिल्म में एक छोटा सा सीन था. जिसमें सलमान खान आकर ट्रक के ड्राइवर संग मारपीट करते हैं. वहां एक क्लीनर होता है, राजू भाई क्लीनर बने थे. वहीं विलेन दीप ढिल्लन जी थे. मैंने उनके पांव छुए और कहा कि मैं यूपी से देवरिया का हूं और यहां संघर्ष कर रहा हूं. वहीं से उनसे दोस्ती आग बढ़ी.'' 

राजू एक नेकदिल इंसान
अशोक ने एक और किस्सा शेयर करते हुए कहा- ''एक दिन अचानक उन्होंने मुझे मुंबई के महालक्ष्मी के डीएस स्टूडियो में जीनत की रिकॉर्डिंग के लिए बुलवाया. राजू ने कहा कि यहां रिकॉर्डिंग है आईए एक दो लाइन आप भी बोलिए. मैं उनका बड़प्पन कभी नहीं भूल पाऊंगा. जिंदगी में पहली बार मेरे हाथ में डेढ़ सौ रुपया कैश था. जो राजू ने दिलवाया था. फिर उन्होंने ही मुझे जी भरकर खाना खिलाया. मुंबई आने के बाद पहली बार मैंने पेटभर खाना और बिरयानी खाई थी. इसके बाद उन्होंने कहा कि तुम बहुत अच्छे इंसान हो, एक काम करो, मेरे घर पर ही आकर रहो.''

Advertisement

मजेदार है राजू की शादी का किस्सा
राजू अशोक पर इतना भरोसा करते थे कि उन्हें अपनी होने वाली बीवी तक को देखने के लिए भेज दिया था. अशोक ने बताया- ''राजू की जब शादी की बात चल रही थी. तो उन्होंने मुझसे कहा था कि अशोक तुम लखनऊ जाओ और लड़की जो मेरी होने वाली बीवी है, उसे देखकर आओ. राजू भाई ने ही मेरा पुष्कर एक्सप्रेस में टिकट भी करवा दिया था. मैं लखनऊ गया और वहां भाभी जी से मिला. मैंने आकर राजू को कहा कि बहुत अच्छी हैं और इसी से शादी करें. लखनऊ गया, तो भाभी जी ने पकौड़े खिलाए और राजू भाई के नाम चिट्ठी लिखकर भेजी थी. वो मुझसे कहतीं कि भईया को जाकर बता देना मैं कैसी हूं. वो भी राजू भाई से शादी करना चाहती थीं. पहली दफा चिट्ठी लिखी और फाड़ा और फिर दोबारा लिखी. मैंने उन्हें अश्योरिटी दे दी थी कि डोंट वरी भाभी शादी तो आपसे ही होगी. आज वो हमारी शिखा भाभी हैं. 1994 में उनकी शादी हुई, हम सभी लखनऊ गए थे. मैंने ही उनकी शादी में ऑकेस्ट्रा पर परफॉर्म किया था.'' 

इमोशनल हुए राजू के दोस्त

राजू संग बिताए लम्हों को शेयर कर अशोक काफी इमोशनल हो गए. उन्होंने कहा, ''मैं तो उन्हें उस दौर से जानता हूं जब हम सड़क पर साथ चल रहे थे. रास्ते में दस-दस के तीन नोट पड़े थे, जिसपर राजू ने पैर रख दिया. मैंने उनसे रुकने की वजह पूछी, तो उन्होंने कहा पैसे जूते के नीचे हैं तुम उठा लो. मुझे चार-पांच लोग पहचानते हैं. हमने उन पैसों से बांद्रा के रेलवे स्टेशन में वड़ा पाव खाया था.''

Advertisement

अशोक ने राजू को याद करते हुए कहा- ''वो बहुत सिंपल तरीके से रहते थे. वो शर्ट-पैंट पहनकर ही कहीं जाते. मेरे जिद्द करने पर उन्होंने लाइफ में पहली बार जींस पैंट पहना था. मलाड के नटराज मार्केट में जाकर हमने 1993 में शॉपिंग की थी. मैं उनसे कहता था कि क्या राजू भाई आप कलाकार हैं, आपको नॉर्मल शर्ट पैंट पहनने की क्या जरूरत थी. तब हमने पहली बार 350 रुपये के कपड़ों की शॉपिंग की थी.''
 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement