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'लोग मुझे राम के रूप में देखते हैं क्योंकि...' अयोध्या में बोले 'टीवी के राम' अरुण गोविल

अयोध्या नगरी सजकर तैयार हो चुकी है. 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने वाला है. इसे अटेंड करने के लिए कई दिग्गज लोग आने वाले हैं. पूरे भारत की इस पूरे इवेंट पर नजर है. 'टीवी के राम' अरुण गोविल, अयोध्या पहुंच चुके हैं.

अरुण गोविल अरुण गोविल
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:16 PM IST

अयोध्या नगरी सजकर तैयार हो चुकी है. 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने वाला है. इसे अटेंड करने के लिए कई दिग्गज लोग आने वाले हैं. पूरे भारत की इस पूरे इवेंट पर नजर है. 'टीवी के राम' अरुण गोविल, अयोध्या पहुंच चुके हैं. हाल ही में एक न्यूज चैनल संग बातचीत में अरुण गोविल ने बताया कि आखिर पिछले 4 दशक यानी 40 सालों से लोग उनमें प्रभु श्री राम की छवि कैसे देखते हैं.

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कैसा रहा अरुण गोविल का जीवन
डीडी न्यूज संग बातचीत में अरुण गोविल ने कहा- मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से आता हूं. बचपन में हमारे यहां रोज रामायण पढ़ी जाती थी. मां कहती थी रामायण पढ़ा करो, बच्चे थे छोटे तो पढ़ लेते थे. हालांकि, हमें उसका अर्थ नहीं पता होता था तब. अवधि में रामायण थी तो उसी भाषा में हम पढ़ लेते थे, थोड़ा. हमारे यहां रोज शाम में पूजा होती थी. परिवार के सारे लोग उस समय इकट्ठे होते थे. पूजा करते थे. इस तरह के संस्कार रहे हैं. बड़ों का आदर करना, छोटो को प्यार करना. ये सारे संस्कार हमें अपने आप ही मिलते चले गए और इस संस्कारों की वजह से शायद रहा होगा ऐसा. कहते हैं कि अगर हम किसी तरह से जीवन जीते हैं तो वो कहीं न कहीं आपके सबकॉन्शियस माइंड में चला जाता है. तो सारे संस्कार हमारे सबकॉन्शियस में चले गए होंगे. मैं आपको बताऊं कि श्री राम के जो गुण हैं, उनके चरित्र के जो गुण हैं. मैंने जब रामायण करने की बात आई थी तो मैंने सागर साहब से यही कहा था कि मैं श्री राम का चरित्र करना चाहता हूं, मैं कोई रोल नहीं करना चाहता हूं. तो ये चरित्र करने की बात मेरे अंदर तभी आई होगी, क्योंकि कहीं न कहीं मेरे अंदर वो संस्कार रह गए होंगे. उन्होंने शायद मुझे ये प्रेरणा दी, हिम्मत दी, शक्ति दी और योग्य बनाया जो मैं ये कर पाया. इस चरित्र को जी सका.   

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आज भी मुझे इस रियल लाइफ में चरित्र को बनाए रखने के लिए कोई प्रयास नहीं करना पड़ा. जैसे लोग कहते हैं कि आप आज भी राम जी जैसे ही हैं, स्वभाव से. तो मैं बचपन से ऐसे ही चरित्र का रहा हूं. स्क्रीन पर मैंने निभाया. पर असल जिंदगी में मैं ऐसा ही हूं. लोग इसलिए मुझे राम के रूप में देखते हैं. इस नाते लोग इतना प्यार और स्नेह देते हैं. 

लोग भगवान राम मानकर पूजा करते हैं
अरुण गोविल ने कहा- मैंने संजोकर कुछ नहीं रखा है न ही कोई प्रयास किया है. मेरे से अपने आप ही ये होता रहता है. मुझे कोई कोशिश नहीं करनी पड़ती है. मैं हूं ही ऐसा जो अपने आप होता रहता है. 'राम मंदिर' से जुड़ी फिल्म पर काम कर रहा हूं. 19 जनवरी को ये फिल्म रिलीज हो रही है. इस फिल्म का नाम है '695'. यह अपने आप में बहुत खास है. यह बहुत पवित्र अंक है. 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरा था. उसके बाद 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया. और 5 अगस्त को श्री नरेंद्र मोदी जी ने मंदिर की आधारशिला रखी. तो ये तीन अंक हमारे लिए बहुत पवित्र बन गए हैं. राम मंदिर के लिए जो स्ट्रगल किया गया वो क्या था, कैसे-कैसे हुआ सब. मैंने एख संत की भूमिका की है, जिसे करने में मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ. बहुत मजा भी आया. फिल्म भी अच्छी बनी है ईमानदारी से बनाई गई है. 

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अब जो भी कुछ हो रहा है बहुत राममय है. एक भजन श्री राम पर बनाया गया है जो सिंगर सोनू निगम ने गाया है. इसे अभिषेक ठाकुर ने बनाया है. प्रोड्यू भी उन्होंने ही किया है. बहुत सुंदर और मीठा भजन है. सरयू पर हम शूटिंग कर रहे हैं. 22 जनवरी को ये भजन रिलीज कर दिया जाएगा.

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