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'मैं जलूं तो मेरी थोड़ी अस्थियां यहां लाकर रख दें', सालों बाद बचपन के दोस्त से मिलीं Ratan Raajputh, निकले आंसू

टीवी एक्ट्रेस रतन राजपूत इन दिनों चर्चा में बनी हुई हैं. रतन राजपूत बिहार में हैं. वे वहां के गावों में अपना समय बिता रही हैं. खेती बाड़ी भी कर रही हैं. अब रतन ने अपना नया व्लॉग शेयर किया है जिसमें वे अपने बचनप के दोस्त और घर को ढूंढ़ने निकली हैं. रतन राजपूत का ये व्लॉग देखना मस्ट है.

रतन राजपूत रतन राजपूत
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 12:41 PM IST

कहते हैं बचपन की यादें भूले नहीं भूलती हैं. सालों बाद जब आप अपने बचपन के घर या दोस्त से मिलते हैं तो आंखों से आंसू छलकना लाजमी है. टीवी एक्ट्रेस रतन राजपूत के भी आंसू छलके हैं, वे भी इमोशनल हुई हैं. रतन राजपूत ने नया व्लॉग शेयर किया है जो बेहद इमोशनल है.

किसे ढूंढ़ने निकलीं रतन राजपूत?
रतन राजपूत इन दिनों बिहार की सैर पर हैं. गांवों में घूमने, खेती बाड़ी करने के बाद अब रतन एक खास मिशन पर निकली हैं. वे अपने बचपन के दोस्त से मिलने जा रही हैं, जिसका उन्हें पता भी नहीं मालूम, वो बस निकल पड़ी हैं दोस्त को ढूंढने, वो जानती हैं उन्हें खाली हाथ भी वापस लौटना पड़ सकता है. रतन राजपूत बिहार के आरा गई हैं. इसी शहर में वे पली बढ़ी थीं. जिस घर में रतन का बचपन बीता उस घर को देखने के लिए रतन तड़प रही हैं. खैर, काफी मशक्कत के बाद रतन को उनका सरकारी घर मिल ही गया. इस कोठी के अंदर कदम रखते ही रतन बेहद एक्साइटेड हुईं. वहां एक बड़ा सा पाकड़ का पेड़ है जिसके साथ रतन का बचपन बीता.  

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बचपन के दोस्त से मिलीं रतन राजपूत
यही वो बचपन का दोस्त है जिसे मिलने रतन आई हैं. इसी पेड़ के नीचे घंटों बैठकर रतन अपना वक्त बिताया करती थीं. रतन के मुताबिक, ये पेड़ उनका दोस्त, प्यार, गुरु ना जाने क्या है. पर दोनों का रिश्ता दिल से जुड़ा है. सालों बाद यहां आकर रतन पेड़ के नीचे बैठती हैं. पत्तों से खेलती हैं. पाकड़ के पेड़ से बात करती हैं. रतन इस दौरान इमोशनल भी हो जाती हैं. वे कहती हैं- लोग मरने के बाद नदी में बहना चाहते हैं. मैं चाहती हूं मैं जलूं तो मेरी थोड़ी सी अस्थियां यहां लाकर कोई रख दें. ये पेड़ मेरे लिए बहुत जरूरी है. हमारा कनेक्शन कोई नहीं समझ सकता. अगर कभी हम सभी 6 भाई बहन यहां आएंगे तो सभी इमोशनल हो जाएंगे. इस घर में सभी का बेस्ट टाइम बीता है. 

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रतन घर के अंदर भी गईं. सालों बाद बचपन की उन यादों को फिर से जीकर रतन की खुशी का ठिकाना नहीं था. इस घर में अब कोई नहीं रहता है. रतन ने उनके पिता को मिली वो सरकारी गाड़ी भी देखी. जिसमें वे अपने पिता संग घूमा करती थीं. आज ये गाड़ी खस्ताहाल है. ये देख रतन अपने आंसू नहीं रोक पाईं. वाकई में रतन राजपूत का ये व्लॉग बेहद इमोशनल है. इसे देखने के बाद आप भी अपने बचपन की यादों में खोना चाहेंगे. 

अगर आपने ये व्लॉग नहीं देखा तो जरूर देखें.


 

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