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खेती करने के बाद हवा हवाई में बैठीं Ratan Rajput, बताया कैसे गांव में बीता बचपन

वीडियो में एक्ट्रेस कहती हैं कि पहले कितना अच्छा था ना कि लोग प्रकृति की पूजा करते थे. कोई किसी को नीचा नहीं दिखाता था. पर अब हम जितने मॉर्डन होते जा रहे हैं. इन चीजों के बारे में सोचते हैं कि ये एक अंधविश्वास है. मूर्खता है.

रतन राजपूत रतन राजपूत
aajtak.in
  • ऩई दिल्ली,
  • 08 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 5:04 PM IST

'अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो' फेम रतन राजपूत इन दिनों देसी लाइफ जी रही हैं. टेलीविजन से ब्रेक लेकर उन्होंने बिहार में खेती-बाड़ी करना शुरू कर दिया है. इसके अलावा वो एक व्लॉगर भी बन चुकी हैं. यूट्यूब व्लॉग के जरिये रतन फैंस से अपनी लाइफ की छोटी बड़ी चीजें शेयर किया करती हैं. खेती करने के बाद अब रतन राजपूत ने लोगों से बचपन की यादें शेयर की हैं. चलिये आप भी रतन की बचपन की यादों का हिस्सा बन जाइए. 

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फेमस शिव मंदिर की कहानी
मुंबई की चमक-धमक से बाहर रतन राजपूत आम इंसान की तरह बैटरी रिक्शा पर बैठकर डुमरांव दर्शन को निकलीं. रिक्शा पर बैठकर रतन बता रहीं हैं कि यहां सालों पहले सड़क की जगह घना जंगल हुआ करता था. बात करते-करते रतन जंगली शिव मंदिर पहुंचती हैं. मंदिर जाते ही उन्होंने इससे जुड़ी कहानी भी बताई. वो कहती हैं, जंगली शिव मंदिर पूरे जंगल के बीच हुआ करता था और यहां एक साधू रहते थे. उन साधू को सपने में शिव जी की शिवलिंग दिखी. इसके बाद वो यहां आये और उन्होंने इस शिवलिंग की स्थापना कर दी. इसके बाद धीरे-धीरे यहां मंदिर बन गया. मंदिर आज भी है. शिव जी भी हैं. बस जंगल गायब हो गया है. मान्यता है कि यहां पर मन्नत पूरी होती है. सब लोग आते हैं और पूजा करते हैं. 

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रतन राजपूत

एक्ट्रेस कहती हैं कि पहले कितना अच्छा था ना कि लोग प्रकृति की पूजा करते थे. कोई किसी को नीचा नहीं दिखाता था. पर अब हम जितने मॉर्डन होते जा रहे हैं. इन चीजों के बारे में सोचते हैं कि ये एक अंधविश्वास है. मूर्खता है. पर मूर्खता हम कर रहे हैं, जो प्रकृति को छोड़ कर आगे बढ़ने की सोच रहे हैं. हम प्रकृति के साथ बढ़ सकते हैं, लेकिन उसको दूर छोड़ कर बढ़ना मूर्खता तो ही है. अगर ये मूर्खता नहीं है, तो आप बताइये कि फिर क्या है. वो कहती हैं कि मैं प्रकृति की पूजा करती हूं और मुझे लगता है कि वहीं ईश्वर है.

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गांव के लोगों में होती है मासूमियत
रतन कहती हैं कि गांव के लोगों में एक मासूमियत होती है. गांव ही आगे चलकर शहर बनते हैं. वो कहती हैं कि मुंबई में जब कहते हैं कि हम पटना जा रहे हैं, तो लोग पूछते कि गांव जा रही हो. खैर, शिव मंदिर के बाद रतन बिहारी जी के मंदिर पहुंचती हैं और बताती हैं कि इसका निर्माण यहां के राज परिवार ने कराया था. वो कहती हैं कि ये पहले सिर्फ राजा लोगों के लिये ही था. यहां आम लोगों की एंट्री नहीं थी. 

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रतन बताती हैं कि बिहारी जी का मंदिर कलाकारों के लिये किसी मंदिर से कम नहीं है. वीडियो खत्म करने से पहले रतन ने कहा कि अभी डुमरांव के होटल अच्छी कंडीशन में नहीं हैं. इसलिये वो लोगों को वहां आने की सलाह नहीं दे सकतीं. पर जैसे ही होटल अच्छी कंडीशन में आयेंगे. वो अपने फैंस को अपडेट जरूर करेंगीं. वहीं एक्ट्रेस के वर्कफ्रंट की बात करें, तो उन्होंने कहा कि वो टीवी पर कमबैक करेंगी, लेकिन इस साल नहीं अगले साल.

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