
वाघले की दुनिया टीवी शो के पॉप्युलर शो में शुमार हैं. ऐसे में दर्शकों को फादर्स डे के मौके पर जेडी उन्हें एक खूबसूरत मेसेज देने की पहल करने जा रहे हैं.
बता दें जेडी मजेठिया ने आजतक डॉट इन से एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान आने वाले एपिसोड का खुलासा करते हुए बताया है कि वे सीजन में बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ के तर्ज पर दो बेटियों के इर्द-गिर्द कहानी का ताना-बाना बुनने जा रहे हैं.
जेडी आगे बताते हैं, मैं कहीं ना कहीं इस कहानी से खुद को पूरी तरह रिलेट कर पाता हूं. मुझे गर्व है कि मेरी दो बेटियां हैं और मैं चाहता हूं कि इंडिया में हर कोई बच्चों के जेंडर की चिंता छोड़ उनकी अच्छी परवरिश पर ध्यान दे. मैं इस ऐपिसोड से खुद को बहुत इमोशनली कनेक्ट भी पाता हूं. मेरे आस-पास में कई ऐसे केसेज रहे हैं, जहां बेटे के प्रेशर में लोगों ने अबॉर्शन करवाए हैं, चुपके से नन्हीं बच्चियों की जान ली हैं. एक बेटी के पिता होने पर यह सब देखकर बहुत दुख होता है. आप ही देखें, आज हमारे समाज ने कितनी तरक्की कर ली है, चारों तरफ बेटियों का ही तो जलवा है. कोई पायलट है, तो कोई एस्ट्रोनॉट तो कोई एडमिनिस्ट्रेशन संभाल रही है. हर जगह तो लड़कियों का परचम है, फिर ऐसी सोच को हम क्यों नहीं बदल पाते हैं कि बेटे होंगे, तो ही वंश आगे बढ़ेगा क्योंकि बेटियों से नहीं बढ़ पाते हैं.
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'इस देश की दिक्कत क्या है न कि लोगों को पहली बेटी के बाद दूसरी बेटी ही चाहिए. यहां अगर आपको दो बेटियां हो गई, तो आपसे ज्यादा सोसायटी को चिंता होने लगती है कि आखिर वंश कैसे आगे बढ़ेगा. दो बेटियों के पिता होने की वजह से मैं कई सालों से लोगों की बिना वजह वाली सहानुभूति झेलता आ रहा हूं. जबकि मैं और मेरा परिवार अपनी बेटियों से खुश हैं और मुझे किसी बेटे की जरूरत नहीं है. सबकुछ इतना मॉडर्न हो चुका है उसके बावजूद इस सोच में बदलाव नहीं देखा है. चाहे आप छोटे शहरों की बात करें या फिर किसी भी मेट्रो सिटी को ही ले लें. बस अब मैंने यही सोचा है कि इस फादर्स डे के मौके पर मैं क्यों न कुछ ऐसा मेसेज दूं, जो एक बदलाव की पहल करे और यही वजह है कि मैंने वाघले की दुनिया के आने वाले ऐपिसोड में कुछ ऐसा ही ट्रैक लाने जा रहा हूं. यह ट्रैक एक पिता होने के नाते मैं अपनी बेटियों को डेडिकेट करना चाहूंगा' ये कहना है वाघले की दुनिया के प्रोड्यूसर जेडी मजेठिया का.
अपने फादरहुड पर बात करते हुए जेडी कहते हैं, मेरी बड़ी बेटी केसर 22 साल और छोटी बेटी मिश्री 16वें साल की है. लोग कई बार आकर कहते हैं कि जेडी तुझे पैसे की क्या कमी है, तीसरा बेटा कर ले या फिर कोई अगर सुनता है कि मैं दो बेटियों का बाप हूं, तो अफसोस भरी निगाहों से देखता है. यहां तक की कई लोगों ने मुझे यह मशविरा भी दिया है कि मरने के बाद मेरी चिता में आग जलाने वाला कोई लड़का तो होना ही चाहिए. लेकिन मैंने कभी किसी के बातों को सीरियसली नहीं लिया, क्योंकि मुझे कभी फर्क पड़ा ही नहीं है. एक पिता की मैंने सारी जिम्मेदारियां बखुबी निभाई हैं. जब एक लड़की के पिता बनते हो न, तो ठहराव और जीने के ढंग में बदलाव आता है. बेटियां कहीं न कहीं आपको सलीका सिखाती हैं. मैं तो खुद को दुनिया का सबसे लकी पिता मानता हूं.
बेटियों संग अपनी बॉन्डिंग पर जेडी कहते हैं, मैं एक बैलेंस पिता हूं. जहां सख्ती और प्यार की जरूरत पड़ती है, मैं वहां वैसा ही बन जाता हूं. मैंने हमेशा ये तय किया है कि चाहे कितना भी बिजी रहूं, अपने बच्चों के लिए वक्त निकालूंगा, क्योंकि आगे चलकर मैं इसका कोई रिग्रेट नहीं रखना चाहता हूं. मैंने बच्चों के लिए अपनी पार्टीज या दोस्तों संग वेकेशन करना छोड़ दिया था. मैं उनके साथ ज्यादा से ज्यादा समय गुजार कर उनके बचपन को खूबसूरत बनाऊं.