
संग्राम सिंह बिग बॉस 7 का हिस्सा रहे हैं. इस शो के जरिए संग्राम कई दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब रहे थे. हालांकि इस शो के बाद जैसा कि उम्मीद किया जा रहा था कि संग्राम ग्लैमर वर्ल्ड में ज्यादा सक्रिय होंगे, वैसा हुआ नहीं. संग्राम की सक्रियता स्पोर्ट्स और सोशल वर्क की गतिविधियों में ज्यादा नजर आती है.
बिग बॉस से जुड़ने के खास कारण पर संग्राम बताते हैं, मैंने बेशक बिग बॉस किया है लेकिन अपना ही शो देखा नहीं है. सच कहूं, तो शो करने से पहले मुझे बिग बॉस के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था. मैंने उन दिनों घर खरीद लिया था, जिसके लिए मैंने लोन लिया था. उसी बीच मुझे बिग बॉस वालों का कॉल आया, उन्होंने कहा कि इतने पैसे देंगे, आप हमारा शो करोगे. मैंने भी लोन से निजात पाने के लिए फौरन हामी भर दी थी.
संग्राम आगे बताते हैं, मैं तो मामूली कपड़े जो बजार से खरीदते हैं, वैसे लेकर गया था. कह लो 50 रुपये की निकर 100 रुपये वाली बनियान लेकर पहुंचा था. वहां जाकर पता चला कि दो लाख रुपये का शर्ट भी आता है.. या तीस हजार की केवल बेल्ट आती है... सलमान जी ने भी मुझसे कपड़ों को लेकर पूछा था, तो मैंने कह दिया कि 2 लाख रुपये की तो मैं घी खा लूं ताकि इतना चमकता रहूंगा कि मुझे खुद को चमकाने के लिए कपड़ों की जरूरत नहीं पड़े. मेरी प्राथमिकताएं अलग थी.
हाल ही में हरियाणा सरकार द्वारा एल्विश यादव को मिले वीआईपी ट्रीटमेंट की बात हुई, तो इसमें नैशनल चैंपियन विजेंद्र ने भी अपनी राय रखते हुए सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि सरकार यहां खिलाड़ियों से ज्यादा सोशल मीडिया पॉप्युलर चेहरों को तवज्जों दे रही है. इस पूरे मामले पर एल्विश और विजेंद्र एक दूसरे पर कटाक्ष करते नजर आए थे. इस पूरे प्रकरण पर जब हमने संग्राम से उनकी राय जाननी चाही, तो संग्राम कहते हैं, मेरा मानना है कि कोई भी चीफ मिनिस्टर जो होता है, वो जनप्रतिनिधी होता है. वो वही करेगा, जो उसके हिसाब से उसे बेहतर लगे. जिससे उसे पार्टी या उसका फायदा नजर आए. मैं मानता हूं किसी भी चीजों का बैलेंस होना जरूरी है. हालांकि मैं इसमें डिटेल में जाना नहीं चाहता हूं.
संग्राम आगे कहते हैं, मैंने कभी अपना सीजन भी नहीं देखा, न मुझे पता था कि कौन एल्विश यादव है.. किसने क्या सीजन जीता या हारा.. किसी ने मुझे कॉल कर बताया कि हमारे तरफ का कोई लड़का एल्विश यादव जीता है, तो मेरा बस यही रिएक्शन था कि अच्छी बात है.. ऊपर वाला उसे तरक्की दे. वहीं विजेंद्र का उस वक्त स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री और स्टेट से जो डिफरेंस चल रही थी, वो एक अलग मुद्दा है.