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रेयान, आरुषि मामलों में क्या कहती है CBI की कार्यप्रणाली

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही में सीबीआई की अदालत का फैसला पलटते हुए उन्हें रिहा कर दिया. वहीं दिल्ली से सटे गुरुग्राम के एक निजी स्कूल में प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या के लिए पहले हरियाणा पुलिस ने पहले स्कूल के ही बस कंडक्टर को मुख्य हत्यारोपी बना दिया.

एजेंडा आजतक एजेंडा आजतक
आशुतोष कुमार मौर्य
  • नई दिल्ली,
  • 01 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 8:59 PM IST

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) देश की शीर्ष इंटेलिजेंस एजेंसी है, लेकिन इस पर अक्सर राजनीतिक दबाव में काम करने के आरोप लगते रहे हैं. साथ ही CBI पर अन्य एजेंसियों के साथ आपसी सहयोग स्थापित न कर पाने के भी आरोप लगते रहे हैं. हाल ही में दो ऐसे मामले आए, जब CBI फिर से आलोचकों के निशाने पर आ गई. ये मामले हैं आरुषि मर्डर केस और रेयान मर्डर केस.

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आरुषि मर्डर केस में जहां सीबीआई ने आरुषि तलवार की हत्या के लिए उसके माता-पिता तलवार दंपति पर आरोप लगाया और सीबीआई की अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. लेकिन इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही में सीबीआई की अदालत का फैसला पलटते हुए उन्हें रिहा कर दिया. वहीं दिल्ली से सटे गुरुग्राम के एक निजी स्कूल में प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या के लिए पहले हरियाणा पुलिस ने पहले स्कूल के ही बस कंडक्टर को मुख्य हत्यारोपी बना दिया. लेकिन जैसे ही जांच सीबीआई के हाथ में गई मुख्य आरोपी के रूप में स्कूल के ही एक अन्य छात्र को आरोपी बना दिया गया. सबसे अहम बात यह है कि हरियाणा पुलिस के कमिश्नर भी सीबीआई से ही आए हुए हैं.

एजेंडा आजतक में जब सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर अनिल सिन्हा से इन उदाहरणों का हवाला देकर सीबीआई की कार्यप्रणाली पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, "देखिए आरुषी केस में क्या हुआ है कि कोर्ट ने आरोपियों को शंका का लाभ दिया है. हमारा कानून बड़ा पेचीदा है. हमारा कानून इस बात की इजाजत देता है कि आरोपियों को मीडिया में जगह मिल जाती है और वे एक-एक चीज का फायदा उठाकर अड़चने पैदा करते हैं."

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उन्होंने कहा, "सीबीआई में तमाम स्टेट पुलिस फोर्सेस और डिफरेंट फोर्सेस से अधिकारी आते हैं. ये सभी मिलजुल कर सीबीआई की मेथडॉलॉजी और हमारी इनवेस्टिगेटिव टेक्निक में पारंगत होते हैं. सीबीआई की जांच क्षमता में सुधार के लिए सरकार ने इंटरनेशनल सेंटर फॉर एक्सिलेंस इन इनवेस्टिगेशन संस्थान स्थापित करने की मंजूरी दे दी है. इससे हमें अपने अधिकारियों की क्षमता सुधारने में मदद मिलेगी."

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