
आजतक के खास कार्यक्रम 'एजेंडा आजतक' में पहुंचे केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बंगाल में पंचायत चुनाव से लेकर अभी तक 31 बीजेपी के कार्यकर्ताओं की हत्या की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि ममता सरकार ने हजारों बीजेपी कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया है, ममता दीदी सिर्फ कुर्सी पर बैठे रहना चाहती हैं.
'एजेंडा आजतक' के कोरबो-लोड़बो-जीतबो सेशन में बाबुल सुप्रियो के साथ केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव भी मौजूद रहे.
बाबुल सुप्रियो ने कहा कि ममता बनर्जी राज्य में कई तरह की अफवाहें फैला रही हैं. उन्होंने रिजर्व बैंक को लेकर अफवाह फैला दी है कि बीजेपी वाले इसे बर्बाद कर देंगे. वहीं केंद्र सरकार की अमृत योजना को टीएमसी सरकार अपनी योजना चलाकर चला रही है. वहां पर अमृत योजना के ब्रैकेट में बंगाल लिखवा दिया गया है.
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी ईस्ट बंगाल और मोहन बागान के नाम पर बंगाल में मारा-मारी होती थी. हमने भी लोगों की नाक तोड़ी है, हमारी भी टूटी है. लेकिन आज हालात बिगड़ते जा रहे हैं और इसके बावजूद ममता बनर्जी कभी ये नहीं कहेंगी कि राजनीतिक हत्याएं बंद होनी चाहिए.
'हर सिग्नल पर बदल जाती हैं ममता'
केंद्रीय मंत्री बोले कि बंगाल के हर सिग्नल पर ममता बनर्जी का नया रूप देखने को मिलता है. किसी सिग्नल पर वह हिंदू हो जाती हैं तो अगले ही सिग्नल पर बुर्का पहन कर मुसलमान बन जाती हैं. भला एक मुख्यमंत्री को इस प्रकार क्यों करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि हमने बंगाल में गाय, मंदिर, राम नवमी या मुहर्रम को मुद्दा नहीं बनाया. ममता बनर्जी सिर्फ 30 फीसदी के लिए राजनीति कर रही हैं, वो चाहती हैं कि अगर इनका वोट मिल जाए तो कुर्सी मिल जाएगी. बंगाली समझदार होते हैं, उसके बावजूद हम अभी तक विकसित नहीं हो पाए हैं. बंगाल के अंदर लेफ्ट ने जो 34 साल में किया था, उसका रिकॉर्ड ममता ने 6 साल में ही तोड़ दिया.
NRC के मुद्दे पर क्या बोले बाबुल सुप्रियो
एनआरसी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि विपक्ष सिर्फ लोगों में भ्रम फैला रहा है. हम सिर्फ इतना कह रहे हैं कि विदेश में जो अल्पसंख्यक है अगर वहां उनके बहुसंख्यक उन्हें परेशान कर रहे हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे. लेकिन अगर बहुसंख्यक ही वहां से हमारे यहां घुस जाएंगे तो कैसे होगा.
'बांग्लादेशी घुसपैठियों के साथ खेलते थे फुटबॉल'
उन्होंने कहा कि 1971 में जब बांग्लादेश वाली जंग हुई तो करीब 1 करोड़ लोग बांग्लादेश से हिंदुस्तान में आए जिनमें लगभग 74 फीसदी बंगाल में आए थे. हमने देखा है कि कैसे लेफ्ट वालों ने गंगा किनारे बांध बनाया था और रातो रात घुसपैठिए हमारे गांव में घुस आए थे. बचपन में हम उन्हीं के साथ फुटबॉल खेलते थे.