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भारत, पाकिस्तान और अलगाववादियों को साथ लाकर ही निकलेगा समाधान: महबूबा मुफ्ती

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हम समझते हैं कि कश्मीर में पाकिस्तान का दखल है, तो ऐसे में हमें पाकिस्तान से बात करनी चाहिए. बातचीत के जरिए ही आतंकी घटनाएं कम होंगी और कश्मीर में अमन चैन का माहौल होगा.

एजेंडा आजतक में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूब मुफ्ती (फोटो-aajtak) एजेंडा आजतक में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूब मुफ्ती (फोटो-aajtak)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 9:48 PM IST

जम्मू-कश्मीर में अमन के लिए भारत, पाकिस्तान और अलगाववादियों को आपस में बातचीत करनी होगी. ये बातें राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आजतक के खास कार्यक्रम 'एजेंडा आजतक' में कहीं. उन्होंने कहा कि हर कोई कहता है कि कश्मीर की मौजूदा हालत का जिम्मेदार पाकिस्तान है, तो हमें उससे बात करके इस समस्या का हल निकालना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने 2003 में पाकिस्तान और अलगाववादियों के साथ बातचीत की थी, उसके बाद आतंकी घटनाओं में कमी आई थी और कश्मीर जन्नत बन गया था. इसके बाद न तो यूपीए और न ही मोदी सरकार ने उस बातचीत को आगे बढ़ाया. आज कश्मीर की हालत सबसे बुरी है.

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कश्मीर में पाकिस्तान के दखल का जिक्र करते हुए महबूबा ने कहा कि जब राज्य में 60 फीसदी मतदान हुआ था तो हमने पाकिस्तान का शुक्रिया अदा किया था. राज्य के चुनाव में पाकिस्तान दखल रखता है. जब वह चाहता है तो मतदान प्रतिशत अच्छा रहता है, और जब नहीं चाहता है तो वह 2 फीसदी तक आ जाता है. अगर कश्मीर में पाकिस्तान की इतनी दखल है तो हमें उससे बातचीत करनी चाहिए. पाकिस्तान के साथ ही हमें अलगाववादियों से भी बातचीत करनी चाहिए. इस बातचीत के जरिए ही घुसपैठ और आतंकी घटनाओं में कमी आएगी.

कश्मीर में सेना के रोल पर बोलते हुए महबूबा ने कहा कि सेना ने अपना काम कर दिया था. राजनीतिक लोगों को अपना काम करना था. हम सेना के साथ इंसाफ नहीं कर रहे हैं. हमने काम नहीं किया. हालात खराब हो गए. जो बंदूक उठाता है. वह मर जाता है. उसकी सोच नहीं मरती है. इस सोच को बदलने के लिए हमें बातचीत करनी पड़ेगी. यह तभी संभव है जब हम पाकिस्तान और अलगाववादियों के साथ बातचीत करें.

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उन्होंने कहा कि जो काम वाजपेयी जी ने किया. वह काम मोदी नहीं कर पाए. मुजफ्फराबाद रोड खुला, वह ऐतिहासिक कदम था. इससे दोनों देशों के रिश्तों में मिठास आई थी और कश्मीर के हालत सुधरे थे. लेकिन अब फिर से बातचीत बंद हो गई और कश्मीर में माहौल दिन ब दिन खराब होता जा रहा है.  मैंने मोदी जी से कई बार अपील की, लेकिन उनका कहना था कि मैं (मोदी) लाहौर गया और बदले में हमें पठानकोट मिला. इसके बाद से उन्होंने बातचीत बंद कर दी. मैं कहती हूं कि अगर आपको 10 बार पाकिस्तान से बात करनी पड़े तो कीजिए, क्योंकि कश्मीर की समस्या का हल बातचीत से ही निकल सकता है.

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दोस्ती की बात करते है, उन्होंने करतारपुर साहिब कॉरिडोर खोला, शारदा पीठ की बात कर रहे हैं. लोग कहते हैं कि इमरान खान के पीछ सेना है इससे अच्छा मौका फिर नहीं मिलेगा जब पाकिस्तान की सेना और वहां के पीएम एक हों तब उनसे बातचीत की जाए.

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